गौसेवा आयोग ने और से प्रदेश की 253 गउशालाओं को भूसे व चारा के लिए 3 करोड़ 20 लाख रुपये की अनुदान राशि दी .

पंचकूला, 31 मार्च- गौसेवा आयोग ने और से प्रदेश की 253 गउशालाओं को भूसे व चारा के लिए 3 करोड़ 20 लाख रुपये की अनुदान राशि दी है।
हरियाणा गौसेवा आयोग के चेयरमैन भानीराम मंगला ने बैठक के बाद वीरवार को जानकारी दी कि चार महीने पहले आयोग का कार्यभार सभांलने के बाद उन्होंने आयोग के सदस्यो के साथ करीब 8 जिलों की 50 गौशालाओं के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें की हैं तथा गौसेवा के कार्य को और आगे बढ़ाने व गऊओं के संरक्षण व रखरखाव पर विचार-विमर्श किया गया है। उन्होंने बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया हैं की सभी गौशालाओं में अप्रैल तक गउओं की टैगिंग करवाई जाएगी। इसके साथ ही देसी, जर्सी, नस्लकी गाय व बछड़ा-बछड़ी व सांडों व बैलों तथा दूध देने वाली गऊओं की जानकारी एकत्रित की जाएगी। इन सब कार्यों पर अग्रिम योजना तैयार की जा रही है। उन्होंने बताया कि जिन गौशालाओं के दस्तावेज पूरे नहीं थे, उनकी अनुदान राशि अप्रैल माह में पहले सप्ताह तक भेज दी जाएगी।
भानीराम मंगला ने बताया कि इस समय हरियाणा में पंजीकृत व अपंजीकृत 423 गउशाला हैं, जिनमें लगभग 3 लाख गौवंश हैं। उन्होंने बताया कि आयोग जो गौवंश सडक़ों पर घूम रहें हैं, उनकी संख्या करीब एक लाख 15 हजार रुपए है, के लिए भी योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए हरियाणा में इस साल में पांच गौ अभ्यारणय बनाए जाएंगे। इसके लिए पानीपत के गांव नैण, खंड मतलौडा में 200 एकड़ भूमि पर कार्य शुरू कर दिया हैं, जिसके लिए आयोग ने 50 लाख रुपए का चेक भी भेज दिया है। जिला भिवानी में भी आयोग के पास 42 एकड़ भूमि का प्रस्ताव आया है, जहां जल्द ही काम शुरू करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि आयोग हरियाणा के हर गांव में पंचायत व ग्रामीणों के सहयोग से सौ-सौ बेसहारा गौवंश के लिए गौ-गृह बनाकर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी योजना तैयार कर रहा है।
उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त अगले वर्ष पांच आदर्श गौशालाएं बनाए जाएंगी। गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इनमें बायोगैस संयंत्र लगाकर मिथेन गैस को एलपीजी में बदलकर गांव में घरेेलू गैस देने का कार्य किया जाएगा। बायोगैस से निकले गोबर को जैविक खाद के रूप में उसी गांव को देकर जैविक खेती का गांव घोषित किया जाएगा। आयोग गौशालाओं में गोबर, गौअर्क एवं कीटनियंत्रक दवाइयांं बनवाने का कार्य करवाएंगे और गोबर से जैविक खाद, धूपबती, दंतमंजन आदि उत्पाद बनाने का काम करेंगे ताकि गौशालाएं आत्मनिर्भर बन सकें। बैठक में हरियाणा गौसेवा आयोग के सदस्यों विद्यासागर बागला, श्रवण कुमार गर्ग, गौवंश विकास प्रकोष्ठ फरीदाबाद के जिला संयोजक कमल सरोत भी मौजूद थे।

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