पुलिस व जांच एजेंसीयां नहीं करती डिजिटल अरेस्ट, जागरूकता से ही बचाव संभव: एसीपी मनप्रीत सूदन डिजिटल अरेस्ट के नाम पर करीब 82 लाख रुपये की साइबर ठगी के मामले में महिला सहित 2 आरोपी गिरफ्तार

पंचकूला / 29 अक्तूबर :- पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस कमिश्नर शिबास कविराज के मार्गदर्शन में पुलिस उपायुक्त हिमाद्रि कौशिक व पुलिस उपायुक्त अपराध एंव यातायात विरेन्द्र सांगवान के नेतृत्व में साइबर पुलिस पंचकूला द्वारा साइबर अपराधो पर अकुंश लगानें के लिए निंरतर जागरुकता के साथ साथ साइबर अपराधियो पर भी नकेल कस रही है इसी कार्रवाई में एसीपी मनप्रीत सिंह सूदन के नेतृत्व में थाना साइबर अपराध सेक्टर 20 पंचकूला प्रभारी निरिक्षक मुनीष कुमार की अगुवाई में डिजिटल अरेस्ट करीब 82 लाख रुपये की साइबर ठगी के मामलें में महिला सहित 2 आरोपियो को गिरफ्तार किया गया है गिरफ्तार किये गये आरोपियो की पहचान मुकेश कुमार सिंगला पुत्र रतन पाल वासी गुरू अगंत नगर कोट कपूरा रोड श्री मुक्तसर साहिब पंजाब व सुमन रानी पत्नी जगजीत सिंह वासी तिलक नगर मस्तकपुर पंजाब के रुप में हुई ।
जानकारी के मुताबिक 22.10.2024 को ऑनलाइन साइबर क्राइम कंप्लेंट पोर्टल पर पीडित रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर नें शिकायत दर्ज करवाई कि 15.10.2024 को उनके पास अनजान नंबर से वॉयस कॉल आई जिसमें उन्हे डराया गया कि उनके नाम से एक मोबाइल नंबर को अपराधिक गतिविधियां को अंजाम देने के लिए प्रयोग किया जा रहा है उसके बाद साइबर अपराधियो नें अलग अलग नंबरो नकली पुलिस उप निरीक्षक, साइबर सेल अधिकारी व सीबीआई अधिकारी बनकर पीडित व उसकी पत्नी को लगातार करीब 2 दिन तक डिजिटल अरेस्ट बताकर घर पर पाबंद किया गया । जिसमें साइबर अपराधियो नें पीडितो के साथ लगातार विडियो काल के माध्यम से जुडे रहकर कही बाहर नही जानें दिया और ताकि किसी अन्य जानकार के साथ जानकारी सांझा ना कर सके और जब भी पीडित बैंक में पैसे ट्रांसफर करनें हेतु बैंक में गये तो उन्होनें लगातार विडियो काल पर डराकार कनेक्ट करके रखा । जिस बारे थाना में प्राप्त शिकायत पर आनलाईन साइबर कंपलेंट पोर्टल पर प्राप्त शिकायत पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 316(2),318(4), 336(3),338,340(2) के तहत साइबर थाना सेक्टर 20 पंचकूला में मामला दर्ज किया गया । जिस मामलें में आगामी कार्रवाई करते हुए महिला आरोपी सहित को गिरफ्तार किया गया ।
एसीपी मनप्रीत सिंह सूदन नें बताया कि उपरोक्त मामलें में अब तक जांच में पता चला कि उपरोक्त साइबर ठगी की राशि 77 फर्जी बैंक खाते ट्रांसफर हुई थी । जिस मामलें में अभी जांच जारी है अब तक 2 साइबर अपराधियो को गिरफ्तार किया गया । जिनमें से आरोपी मुकेश कुमार सिंगला पुत्र रतन से पुछताछ करनें उपरांत माननीय पेश अदालत न्यायिक हिरासत भेजा गया और महिला आरोपी को 2 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया । ताकि मामलें अन्य साइबर अपराधियो को गिरफ्तार किया जा सके ।
ऐसे दिया जाता है डिजिटल गिरफ्तारी की घटना को अंजाम
एसीपी नें बताया कि डिजिटल अरेस्ट एक तरह का साइबर अपराध है इसमें साइबर अपराधी खुद को पुलिस व कानून एजेंसी के अधिकारी होने का दावा करके लोगो को एसएमएस, वॉयस व वीडियो काल करके
उसके करीबी व रिश्तेदारो को किसी अपराधिक घटना जैसे मादक पदार्थों की तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग या किसी अन्य अपराधिक घटना में गिरफ्तारी का भय दिखाकर पीडितो को घर या परिसर पाबंद करके आनलाईन के माध्यम से साइबर ठगी को अन्जाम देते हुए है ।
एसीपी नें आमजन को सदेंश देते कहा कि डिजिटल अरेस्ट मतलब की आपको भय दिखाकर घर पाबंद कर देते है ऐसे में पुलिस, सीबीआई, ईडी, जज या अन्य जांच अधिकारी किसी भी परिस्थिति में किसी को वीडियों या वॉयस कॉल के माध्यम से गिरफ्तार नहीं करते है इस प्रकार से फोन प्राप्त मैसेज, वायल काल इत्यादि को इग्नोर करें और किसी अन्जान व्यक्ति के काल को तुरन्त डिसकनेक्ट कर दें । किसी भी व्यक्ति से डरनें की जरुरत नही है इस प्रकार की घटना बारे तुरन्त साइबर पुलिस हेल्पलाईन नंबर 1930 और ऑनलाइन साइबर क्राइम कंप्लेंट पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज करवाएं ।