117 वां शहीद भगत सिंह जयंती समारोह सेक्टर- 5 स्थित यवनिका ओपन थिएटर में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का आयोजन शहीद भगत सिंह जागृति मंच,पंचकूला द्वारा किया गया।

पंचकूला। 117 वां शहीद भगत सिंह जयंती समारोह सेक्टर- 5 स्थित यवनिका ओपन थिएटर में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का आयोजन शहीद भगत सिंह जागृति मंच,पंचकूला द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मंचस्थ अतिथियों द्वारा दीप-प्रज्ज्वलन एवं शहीद भगत सिंह के तैलचित्र पर पुष्पांजलि के साथ हुआ।
कार्यक्रम में विशेष मेहमान के रूप में उपस्थित पुणे से आए लोकमान्य तिलक के प्रपौत्र शैलेश तिलक ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि पंचकूला में उन्हें जो प्यार मिला है उससे वह अभिभूत हैं। उन्होंने आगे कहा कि लोकमान्य तिलक ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में पहली बार सख्त तेवर दिखाते हुए अंग्रेजों का प्रतिकार किया। उन्होंने यह जोर देकर कहा कि 1914 में प्रथम विश्व युद्ध की पूर्व संध्या पर रिहा होने के बाद तिलक जी ने होमरूल लीग की शुरुआत की और नारा दिया – ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा।’ इसके साथ ही तिलक ने दो साप्ताहिक समाचार पत्र- केसरी एवं मराठा के माध्यम से लोगों की राजनीतिक चेतना को बहुत हद तक जगाया था।श्री शैलेश ने आगे बताया कि लोकमान्य ने वर्ष 1893 में गणेश उत्सव और 1895 शिवाजी महोत्सव का आयोजन आरम्भ कर लोगों में धार्मिकता के साथ राष्ट्रवाद का संचार किया ।
अमृतसर से आए बाबा सोहन सिंह भकना के प्रपौत्र सरदार जसवीर सिंह ने कहा कि बाबा ने संघर्ष को ही अपना धर्म बनाया था। पहले उन्होंने जुल्मी अंग्रेजों से संघर्ष किया ,बाद में अपनी सरकारों से किसानों के साथ हो रहे भेदभाव के विरुद्ध मोर्चा लिया। उन्होंने आगे बताया की गदर पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष और 1915 के गदर षड्यंत्र में शामिल होने के आरोप में उन पर लाहौर षड्यंत्र मुकदमा चला जिसमें 1930 में रिहा होने से पहले उन्होंने 16 साल का आजीवन कारावास काटा। कारावास एवं नजरबंदी को जोड़ लिया जाए तो उन्होंने अपने जीवन के कुल 26 वर्ष यातना सहते बिताए।
सभा को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि पंचकूला के मेयर कुलभूषण गोयल ने कहा कि भगत सिंह न सिर्फ साम्राज्यवाद के विरुद्ध थे बल्कि सामाजिक पिछड़ेपन और विचारों के क्षेत्र में अंधविश्वास के विरुद्ध भी उतनी ही निर्भीकता से लड़े।
इस अवसर पर उपस्थित छात्र-छात्राओं के नाम लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड)विनोद वशिष्ठ तथा 98-वर्षीय इतिहासकार प्रो०मलविंदरजीत सिंह वड़ैच का संदेश पढ़कर सुनाया गया जिसमें आयोजन को एक अवसर में तब्दील करने की नसीहत दी गई थी।
समारोह में मंच की गतिविधियों तथा शहीद-ए- आजम के जीवन एवं संदेश आदि पर आधारित फोल्डर(चौपन्ना) का लोकार्पण मंचस्थ अतिथियों द्वारा किया गया जिसका संपादन मंच महासचिव विजय कुमार सिंह ने किया है।
समारोह में ट्राईसिटी के प्रमुख विद्यालयों के छात्रों ने देशभक्ति के रंग से भरे सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किये। इन विद्यालयों में सतलुज पब्लिक स्कूल,पीएम श्री राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय-सेक्टर 15, स्काई वर्ल्ड स्कूल-सेक्टर 21, सिमरन पब्लिक स्कूल -सेक्टर4 ,कॉस्मोपॉलिटन पब्लिक स्कूल- सेक्टर 14 के साथ ही डांस स्टूडियो, चंडीगढ़ फ्लिपर ग्रुप आदि प्रमुख रहे।
इस अवसर पर निगम पार्षद हरिंदर मलिक,मानव गुप्ता,समाजसेवी हरिंदर बुद्धिराजा, दीपक शर्मा आदि उपस्थित रहे।
समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धियों के लिए अमित गुप्ता-शोभित गुप्ता, काजल शर्मा, कुलदीप राणा, हितैषी फाउंडेशन के चेयरमैन भारत हितैषी,राजेश भगत सिंह,आयुषी तिवारी आदि को दुशाला ओढ़ाकर एवं स्मृति-चिह्न भेंट कर सम्मानित किया।
समारोह में शहीदों एवं स्वतंत्रता-संग्राम से जुड़े रोचक प्रश्नमंच का भी आयोजन हुआ जिसका संचालन सुप्रसिद्ध क्विज़मास्टर विजय कुमार सिंह ने किया। विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार स्वरूप पुस्तकें,टी-शर्ट एवं लेखन-सामग्री आदि प्रदान किए गये। इसी तरह,लकी इंट्री कूपन के पाँच भाग्यशाली विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम की सफलता में ऋषि गुप्ता,अक्षय मदान,अजेंद्र हुड्डा, मनमोहन कंबोज, कृष्ण अवतार जोशी, दीपक शर्मा,राजकुमार शर्मा, पंकज नायडू, नवीन नामदेव, हर्षित केडिया, हिमांगी शर्मा, शिखा शर्मा ग्रेवाल, दिनेश देसवाल,आकांक्षा गुप्ता आदि का योगदान उल्लेखनीय रहा।
कार्यक्रम का कुशलतापूर्वक संचालन वरीय शिक्षाविद् डॉ० अरविंद कुमार द्विवेदी एवं हिमांगी शर्मा ने किया। अतिथियों का स्वागत एड० अक्षय मदान ने तथा धन्यवाद-ज्ञापन मंच अध्यक्ष जगदीश भगत सिंह ने किया।