जिला बाल संरक्षण इकाई ने एनडीपीएस एक्ट 1985 पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का किया आयोजन

पंचकूला सितंबर 10: हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान सेक्टर -25 पंचकूला में एनडीपीएस (नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस) एक्ट 1985 पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन जिला बाल सरंक्षण अधिकारी पंचकूला द्वारा किया गया।

इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी सीमा रोहिला ने बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया।

कार्यक्रम में स्टेकहोल्डर्स को बच्चों में नशे की लत अधिक पाये जाने की वजह से एनडीपीएस एक्ट 1985 की बारीकियों से अवगत कराया गया ताकि वह बच्चों को नशे से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में अवगत करवा सके । नशे के कारण ही बहुत से बच्चे अपराध की श्रेणी में आ रहे है।

रिसोर्स पर्सन डॉ. सुवीर सक्सेना स्टेट प्रोजेक्ट ऑफिसर मेंटल हेल्थ व डी-एडिक्शन डॉरेक्टर जनरल ऑफिस हेल्थ डिपार्टमेंट ने बताया कि एनडीपीएस एक्ट 1985 में लागू किया गया था। इस एक्ट का उद्देश्य नशीले और मादक पदार्थों के भंडारण, उपभोग, खेती, बिक्री, खरीद और विनिर्माण को रोकना और दोषी पाए जाने पर दंडित कार्यवाही करना है। संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को अधिनियम के उद्देश्यों को ध्यान में रखकर ही पंचकूला जिला में उपस्थित सभी स्टेकहोल्डर्स को यह जानकारी दी गई। वही मधुबन से आये सब इंस्पेक्टर रवि पीएसआई ने बताया कि एनडीपीएस एक्ट में 238 तरह की नशीली चीजों को प्रतिबंधित किया गया है। मात्रा के आधार पर दोषी को सजा दी जाती है। यानी अल्प मात्रा (5 ग्राम तक) में प्रतिबंधित नशीली चीज पाए जाने पर एक साल तक की सजा, मध्यम मात्रा (पांच से दस ग्राम तक) की स्थिति में एक से दस साल और वाणिज्यिक मात्रा (10 ग्राम से एक किलो) पाए जाने पर दस से बीस साल तक की सजा का प्रावधान है। नारकोटिक्स और साइकोट्रोपिक के अंतर को स्पष्ट हुए कहा कि सामान्यतः नारकोटिक्स के तहत वे पदार्थ आते है जो नींद बढ़ाने में सहायक हैं और साइकोट्रोपिक के तहत वे जो दिमाग की अवस्था को बदल दें, यथा उदासी को खुशी में। उन्होंने कहा कि एनडीपीएस के तहत आने वाले नशीले पदार्थों से हमेशा दूर रहे व आवश्यक होने पर दवा के रूप में डॉक्टर के परामर्श के अनुसार ही इसका प्रयोग करें । जिला बाल संरक्षण अधिकारी निधि मालिक ने सभी स्टेकहोल्डर्स को जेजे और पॉक्सो एक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

इस अवसर पर बाल कल्याण समिति , जिला बाल कल्याण अधिकारी ,जिला कल्याण अधिकारी ,सभी स्कूलो के प्रिन्सिपल, अधिकारी, पुलिस विभाग के नोडल अधिकारी ,सभी बाल देख रेख संस्थानों में कार्यरत अधीक्षक, काउंसलर और चाइल्ड वेलफेयर ऑफिसर,जिला समाज कल्याण अधिकारी , स्वास्थ्य विभाग , बाल विवाह निषेद अधिकारी ,वन स्टॉप सेंटर , जिला बाल संरक्षण समस्त स्टाफ आदि मौजूद रहे।

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आदर्श आचार संहिता के दौरान कैश, शराब, हथियार और अन्य चुनाव संबंधी सामग्री पर निगरानी रखने के लिए किया गया उड़न दस्ते व स्थैतिक निगरानी टीमों (एसएसटी ) का गठन- जिला निर्वाचन अधिकारी

उम्मीदवार, उसके एजेंट, पार्टी कार्यकर्ता की गाडी में 50 हजार रुपये से अधिक नकद राशि ले जाने की नहीं होगी अनुमति

पंचकूला 10 सितंबर : उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ यश गर्ग ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा हरियाणा विधानसभा आम चुनाव-2024 की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू है। जिला में कैश, शराब, हथियार और अन्य चुनाव संबंधी सामग्री पर निगरानी रखने के लिए उड़न दस्ते व स्थैतिक निगरानी टीमों (एसएसटी) का गठन किया गया है।

उन्होंने बताया कि चेकिंग के दौरान अगर किसी भी उम्मीदवार, उसके एजेंट या पार्टी कार्यकर्ता की गाडी में 50 हजार रुपये से अधिक नकद राशि या पोस्टर, चुनाव सामग्री, किसी प्रकार की ड्रग्स, शराब, हथियार या उपहार सामग्री, जिसकी कीमत 10 हजार रुपये से अधिक हो और जिसका प्रयोग मतदाताओं को प्रलोभन देने के लिए किया जा सकता हो व किसी वाहन में कोई अन्य अवैध सामान पाया जाता है तो उसे जब्त किया जाएगा।

जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में लोगों को असुविधा से बचाने और उनकी शिकायतों के निवारण के लिए एक समिति का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि अतिरिक्त उपायुक्त पंचकूला सचिन गुप्ता इस समिति के अध्यक्ष होंगे जबकि जिला परिषद पंचकूला के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गगनदीप सिंह, डीईटीसी (जीएसटी) पंचकूला हनीश गुप्ता और खजाना अधिकारी पंचकूला सुनीता पातर इस समिति के सदस्य होंगे।

उन्होंने बताया कि यह समिति पुलिस या स्थैतिक निगरानी टीमों या उड़नदस्तों द्वारा की गई जब्ती के मामलों का स्वतः संज्ञान लेगी। ऐसे मामले जहां समिति द्वारा पाया जाता है कि जब्ती के खिलाफ कोई एफआईआर/शिकायत दर्ज नहीं की गई है और जहां मानक संचालन प्रक्रियाओं के तहत जब्ती किसी उमीदवार, राजनीतिक पार्टी और चुनाव अभियान से जुड़ी नहीं है, यह समिति ऐसे व्यक्तियों को बरामद नकदी वापस करने के लिए मौखिक आदेश पारित कर सकती है। उन्होंने कहा कि समिति ऐसे सभी मामलों का संज्ञान लेगी और जब्ती पर भारत चुनाव आयोग द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार निर्णय लेगी।

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Flying squads and Static Surveillance Teams constitutes in the district for election monitoring- District Election Officer

Cash exceeding Rs 50,000 in a vehicle carrying a candidate, his agent, or party worker prohibited

Panchkula September 10: Deputy Commissioner-cum-District Election Officer, Dr Yash Garg said that as the model code of conduct has come into force with the announcement of Haryana Vidhan Sabha General Election 2024 by the Election Commission of India, Flying Squads and Static Surveillance Teams have been constituted in the district.

Dr. Garg emphasized that any vehicle carrying a candidate, their agent, party worker, or election materials found with cash exceeding Rs 50,000, or carrying posters, election materials, drugs, liquor, arms, or gift items valued over Rs 10,000 which could be used for voter inducement will be subject to immediate seizure.

He said that to address public concerns and facilitate grievance redressal, a dedicated committee has been formed. The committee will be chaired by Additional Deputy Commissioner Sachin Gupta and includes CEO Zila Parishad Panchkula Gagandeep Singh, DETC (GST) Hanish Gupta, and Treasury Officer Panchkula Sunita Patar as members.

He said that the Committee will Suo-moto examine each case of seizure made by the police or static surveillance teams or flying squads. Where the Committee finds that no FIR/Complaint has been filed against the seizure or where the seizure is not linked with any candidate or political party or any election campaign as per Standard Operating Procedures, it can take immediate step to order release of such cash etc to such persons from whom the cash was seized after passing a speaking order to that effect. The Committee will look into all cases and take decision on seizure as per the directions/guidelines given by Election Commission of India, he added.