“प्रभु भक्ति एवं अपने किरदार को प्राथमिकता देकर मानव जीवन को सुंदर बनाया जा सकता है” – निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज.
चंडीगढ़ 25 सितंबर ( ) निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित जी के सानिध्य में विशाल निरंकारी संत समागम का आयोजन स्थानीय सेक्टर 34 एग्जिबिशन ग्राउंड में आयोजित किया गया। समागम में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखण्ड सहित दूर दूर के राज्यों से साधसंगत ने पहुंचकर सतगुरू से आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस अवसर पर सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने कहा कि जो निराकार को अपने जीवन में प्राथमिकता बना लेते हैं उनका जीवन स्वयं ही भक्तिमय बन जाता है। प्रभु परमात्मा का बोध हाने के बाद इंसान के जीवन में परिवर्तन आ जाता है और वे भक्तिमय हो जाता है।
संतमति को अपनाकर परमात्मा को ही सर्वोपरि मानने वाले ही सरलता से अपना जीवन जी पाते हैं। प्रभु सिमरन को सर्वोच्च प्राथमिकता देते ही बुरे विचार की प्रबलता समाप्त हो जाती है। यह चयन करना है कि संतमति को अपनाकर ही मधुर वाणी का वास होगा, जिससे कड़वाहत समाप्त होगी। मन अगर मधुर होगा तो वाणी अपने आप मधुर होगी।
उन्होंने कहा कि भक्तों ने हमेशा सीधा रास्ता तथा सही दिशा ही दिखाई है। किसी भी प्रकार के भ्रमों में नहीं डाला है। सतगुरु माताजी ने कहा कि हर चलना, पहुंचना नही होता, यह मेला ग्राउंड में चल रहे स्पिन व्हील झूले से समझने की आवश्यकता है। क्योंकि वो झूला एक दायरे में गोल घूम रहा है। परंतु कहीं हमारा यही हाल तो नहीं है कि हम कर्म तो कर रहे हैं परंतु हमारी सोच हमें कहीं ओर तो नहीं ले जा रही है। हम भी दुनियावी कार्यों में इतने संलिप्त तो नहीं हो गए हैं कि भक्ति की प्राथमिकता को ही भूल गए है।
उन्होंने कहा कि हमारे मन के भाव किसी बात को कैसे ले रहे हैं, ये ध्यान देना अति आवश्यक है। जो बुद्वि व चेतनता ब्रहमज्ञान से मिली है उसे अपनाते हुए अपना नजरिया सकारात्मक रखना है। जैसा बाबा हरदेव सिंह जी ने कहा कि ’ जैसी दृष्टि, वैसी सृष्टि’। केवल और केवल अच्छी बातों को ही ग्रहण करें, बुरी बातों को छोड़ दें। नकारात्मकता को छोड़ते हुए सकारात्मक विचारों को अपनाएं।
इसी प्रकार जीवन में हर दिन देखें कि परिस्थिति कुछ भी आ सकती है, परंतु जो इस निराकार प्रभु परमात्मा रूपी रोशनी को साथ लेकर चलते हैं तथा हर हाल में शुक्राना करते हैं तो हर परिस्थिति अडिगता व सरलता से निकल जाती है। ब्रहमज्ञान की रोशनी से प्यार, प्रीत, नम्रता और दिल विशाल जैसे गुणों से युक्त होने से मानवीय व दैवीय गुणों का वास होता है। इससे हमारे नजरिए में सकारात्मकता आ जाती है।
श्री एच.एस. चावला, मेंबर इंचार्ज, चंडीगढ़, पंजाब, हिमाचल व जम्मू कश्मीर तथा चंडीगढ़ के जोनल इंचार्ज श्री ओ पी निरंकारी ने सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के चंडीगढ़ आगमन पर उनका पूरी साध संगत की ओर से अभिनंदन व आभार किया । इस अवसर पर उन्होंने प्रशासन, पुलिस प्रशासन,नगर निगम सहित सभी विभागों का समागम को सफल बनाने के लिए धन्यवाद किया ।