अजय संधू पर एफिडेविट पर साइन करने के लिये बनाया दबाव, जान से मारने की धमकी दी.
पंचकूला 17 जुलाई। जिला अदालत परिसर में बिजली निगम के एक पूर्व ठेकेदार से जबरन एक एफिडेविट पर साइन करने की कोशिश और जान से मारने की धमकी देने के मामले में पुलिस ने 24 घंटे बीत जाने के बाद भी केस दर्ज नहीं किया है। पीडि़त अजय संधू का आरोप है कि पुलिस द्वारा डीजीपी मनोज यादव के दबाव के चलते आरोपियों पर कार्रवाई नहीं की जा रही, जबकि अजय संधू ने वारदात के तुरंत बाद डायल 112 और पंचकूला के पुलिस आयुक्त सौरव सिंह को मौके से फोन किया था। सौरव सिंह को अजय संधू ने उनके मोबाइल पर फोन करके अपने साथ हुई वारदात के बारे में विस्तृत जानकारी दी थी, लेकिन उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया था कि कोई भी शिकायत करनी है, तो मेरे आफिस में आकर बात करो, फोन पर कोई बात नहीं हो सकती। अजय संधू ने मामले में सेक्टर 5 पुलिस थाना और सेक्टर 7 पुलिस चौंकी में वारदात के तुरंत बाद शिकायत दे दी थी, लेकिन पुलिस ने अब तक केस दर्ज नहीं किया और ना आरोपियों की धरपकड़ करने की कोशिश की। अजय संधू का आरोप है कि मुख्य आरोपी ईश्वर सिंह नैन पर पहले ही उनकी शिकायत के आधार पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज हैं, लेकिन वह पंचकूला में खुलेआम डीजीपी मनोज यादव की शह पर घूम रहा है। पुराने मामले में एक एसआइटी का गठन एसीपी उमेद सिंह की अगुवाई में किया है, जिसे ईश्वर सिंह नैन के बारे में पूरी जानकारी है, लेकिन जानबूझ कर उसे गिरफ्तार नहीं किया जा रहा। इस केस में पूर्व बिजली मंत्री रणदीप सिंह सुरजेवाला की भूमिका भी सामने आ चुकी है। अजय संधू का आरोप है कि डीजीपी मनोज यादव पूर्व बिजली मंत्री रणदीप सिंह सुरजेवाला का पुराना दोस्त है, जिस कारण वह पंचकूला पुलिस के उच्चाधिकारियों पर दबाव बनाकर सुरजेवाला सहित अन्य आरोपियों को बचाने में जुटा हुआ है।
सेक्टर 5 पुलिस को दी शिकायत में पीडि़त अजय संधू ने बताया कि हरियाणा के पूर्व बिजली मंत्री रणदीप सिंह सुरजेवाला, उनके सहयोगी ईश्वर सिंह नैन, रोहताश ढिल्लों, अनिल कुमार नैन, राजपाल शर्मा एवं अन्य दोषियों के खिलाफ 11 दिसंबर 2019 को सेक्टर 5 पुलिस थाने में शिकायत दी थी। जिसकी जांच हरियाणा सरकार ने राज्य चौकसी ब्यूरो को भेज दी थी और इस मामले में जांच जारी है। पुलिस ने इस मामले में 18 फरवरी 2021 को विभिन्न धाराओं के तहत ईश्वर सिंह नैन एवं अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था। इस मामले में ईश्वर सिंह नैन की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय से जमानत 16 मार्च 2021 को खारिज हो गई थी। अजय संधू ने बताया कि ईश्वर सिंह नैन ने एक सोची समझी साजिश के तहत अपने जानकार सुरेंद्र सिंह के माध्यम से मुझे 16 जुलाई 2021 को व्हाट्सएप पर एक काल की और किसी जरूरी काम से पंचकूला बुलाया। अजय संधू अपनी पुरानी दोस्ती के चलते सुरेंद्र सिंह के कहने पर पंचकूला कोर्ट पहुंचाख् तो सुरेंद्र सिंह ने मुझे ईश्वर सिंह नैन के साथ समझौता करने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। अजय संधू ने सुरेंद्र नंबरदार को समझाया कि मैं समझौता नहीं करना चाहता, लेकिन फिर भी सुरेंद्र सिंह ने कहा कि यह तेरे लिए बेहतर होगा और इस पर हस्ताक्षर कर दो। पुलिस को दी शिकायत में अजय संधू ने बताया कि दोनों उसके साथ जबरदस्ती करने लगे और एक एफिडेविट निकाल कर उसके सामने रख दिया, जिस पर उन्होंने हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया, लेकिन अजय संधू ने हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया। दोनों ने उसके साथ गाली गलौच शुरु कर दी। इसी बीच मौका मिलते ही अजय संधू ने डायल 112 पर फोन कर दिया और पुलिस की गाड़ी कुछ ही मिनट में मौके पर पहुंच गई। पुलिस को आता देख ईश्वर सिंह नैन और सुरेंद्र सिंह मौके से भाग गए। जाते हुए उन्होंने अजय संधू को धमकी दी है कि यदि समझौता नहीं किया तो जान से मरवा देंगे। अजय संधू ने कहा कि ईश्वर नैन की जमानत खारिज होने के बावजूद वह खुलेआम पंचकूला में घूम रहा है, लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। अजय संधू ने मामले की शिकायत सेक्टर 5 पुलिस थाना और सेक्टर 7 पुलिस चौकी को दी है। अजय संधू ने इस मामले में पुलिस को कुछ सबूत भी मुहैया करवाये हैं, जिसमें ऑडियो रिकॉर्डिंग भी दी गई है। संधू ने कहा कि समझौते के लिये एफिडेविट पर साइन करवाने के लिये कहीं ना कहीं रणदीप सिंह सुरजेवाला की भी भूमिका रही है, क्योंकि वह जानते हैं कि यदि ईश्वर सिंह नैन के साथ समझौता हो गया, तो उन पर भी कोई आंच नहीं आयेगी। रणदीप सुरजेवाला ने ईश्वर सिंह नैन की संधू सिक्योरिटी में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी डलवाई थी। गृहमंत्री अनिल विज से मांग की कि इस मामले में वह पंचकूला के पुलिस कमिश्नर को आदेश देकर तुरंत केस दर्ज करवायें। अन्यथा यह आरोपी समझौता करने के लिये किसी भी हद तक जा सकते हैं।