प्लाट खरीदने के मामले मे 6 लाख की धोखाधडी करने के मामले मे आरोपी को किया काबू ।
पंचकूला, 02 अक्तूबर :-
पंचकूला, 02 अक्तूबर :- श्री मोहित हाण्डा, भा0पु0से0, पुलिस उपायुक्त पंचकुला के द्वारा दिये हुऐ निर्देशानुसार जिला पचंकूला मे अपराधो की रोकथाम तथा अपराधियो को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने हेतु । इन्ही निदेर्शो के तहत कार्य करते हुए थाना पिन्जौर की टीम के द्वारा कार्यवाही करते जमीन के मामले मे 6 लाख की धोखधडी करने के मामले मे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया । जो गिरफ्तार किये गये आरोपी की जसंवीन्द्र सिह पुत्र साधु सिह वासी लोलगढ, जिला पचंकुला के रुप मे हुई ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता हरिन्द्र कौर पत्नि श्री बलदेव सिह वासी चण्डीगढ ने दिनाक 08.12.2018 को कार्यालय पुलिस उपायुक्त मे शिकायत दर्ज करवाई कि जसंवीन्द्र सिह पुत्र साधु सिह वासी लोलगढ साधु सिंह वासी गांव लोलगढ़ , जिला पंचकूला, (2) की श्रीमती चरणजीत कौर पत्नी श्री। बहादुर सिंह (3) बहादुर सिंह, श्री सुच्चा सिंह के पुत्र, दोनों वासी वल्लके मनकपुर नानक चंद, जिला पंचकूला (4) श्री करम चंद के पुत्र विशाल चंद (5) SMT राशपाल कौर पत्नी श्री ज्ञान चंद, दोनों वासी गांव रतपुर कॉलोनी, पिंजौर, तहसील कालका, जिला पंचकूला (6) रणजीत सिंह श्री नरेंद्र सिंह के पुत्र, वासी सती मोहल्ला, उपरोक्त सभी नाम जसविंदर सिंह को छोड़कर लांबा प्रॉपर्टी के नाम पर प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते हैं, पिंजौर-बद्दी रोड गांव लोहागढ़ में ऑफिस रखते हैं । उपरोक्त नाम बहादुर सिंह की चचेरी बहन (चाची की पुत्री , बुआ) के रूप में शिकायतकर्ता के रिश्तेदार के रूप में है, जिसका नाम बहादुर सिंह है, कि जुलाई, 2016 के पहले सप्ताह में शिकायतकर्ता के पति ने बहादुर सिंह से संपर्क किया और उनसे अपने क्षेत्र की संपत्ति के बारे में पूछा क्योंकि वह पिंजौर क्षेत्र में संपत्ति खरीदना चाहते थे तब बहादुर सिंह ने शिकायतकर्ता के पति से कहा कि वह मिल जाएगा संपत्ति और उसके बाद उसे बताया । इसके बाद बहादुर सिंह ने शिकायतकर्ता के पति से संपर्क किया और उसे बताया कि वह पता लगा रहा है। उसके बाद संपत्ति, उसके बाद 20.07.2016 को शिकायतकर्ता अपने पति के साथ प्रापर्टी डीलिंग कार्यालय मे गई जो पिंजौर-बद्दी रोड गांव लोहागढ़ में कार्यालय थी, जो प्रापर्टी के स्थान को देखने के लिए 3 बिस्वास (150 वर्ग गज, गज) इसके बाद शिकायतकर्ता और उसके पति उक्त संपत्ति खरीदने के लिए तैयार थे और कुल मिलाकर रु । 6,00,000 / – की कुल राशि के लिए सौदा अंतिम रूप दिया गया था और दिनांक 27.07.2016 को बेचने के लिए समझौते के निष्पादन के लिए तय दिनांक 27.07.2016 को बेचने का समझौता गवाहों की उपस्थिति में निष्पादित किया गया और शिकायतकर्ता ने जसविंदर सिंह के खाते में आरटीजीएस के माध्यम से रु 3,00,000 / – (केवल तीन लाख की राशि) का भुगतान किया । उसके बाद दिनांक 05.11,2016 को शेष राशि रु 3,00,000 / – रुपये तीन लाख केवल) शिकायतकर्ता द्वारा जसविंदर सिंह को अदा की गई, इसलिए शिकायतकर्ता ने जसवंत सिंह को कुल बिक्री मूल्य का भुगतान किया । इसके बाद शिकायतकर्ता ने अपने प्लाट की सीमा व दीवारो का निर्माण किया गया और साइट पर गेट भी स्थापित किया। बाउंड्री वाल के निर्माण के बाद लगभग 1500 ईंटों को छोड़ दिया गया, जिसे शिकायतकर्ता ने परिसर में छोड़ दिया और परिसर के मुख्य द्वार को बंद कर दिया। तत्पश्चात लगभग एक वर्ष के बाद जब शिकायतकर्ता अपने पति के साथ घटनास्थल पर पहुंची और यह देखकर आश्चर्यचकित रह गई कि शिकायतकर्ता के परिसर में दो घरों का निर्माण चल रहा था, यहाँ तक कि उन्होंने परिसर की दीवार भी तोड़ दी और लोहे की गेट के साथ परिसर में पड़ी ईंटों को चुरा लिया, 9, इसके बाद शिकायतकर्ता के पति ने जसविंदर सिंह से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन जसविंदर सिंह से संपर्क नहीं हो सका । दिनांक 20.03.2018 को शिकायतकर्ता के पति, जोग राज 86 जनक राज के साथ, जसविंदर सिंह के आवास पर पहुंचे, जो उनसे मिले । शिकायतकर्ता के पति ने उनसे पूछा कि भूखंड पर मकान बना रहे हैं और समझौते के अनुसार बिक्री विलेख निष्पादित करने के लिए भी कहा, तो जसविंदर सिंह ने शिकायतकर्ता को बताया कि उन्होंने पहले से ही श्री बहादुर सिंह की पत्नी चरणजीत कौर पत्नी के पक्ष में बिक्री विलेख निष्पादित किया 17.11.2017 को 2 बिस्वास के लिए, क्योंकि वे सभी चंद्रनजीत कौर, बहादुर सिंह, जियान चंद, उनकी पत्नी रश्पाल कौर और रणजीत सिंह उनके निवास पर आए और जसविंदर सिंह से कहा कि आपने उन्हें संपत्ति बेच दी और मुझे एक समझौता भी दिखाया। पूर्ण भुगतान की बिक्री के लिए जो आपकी पत्नी द्वारा श्रीमती के पक्ष में हस्ताक्षरित है । इस प्राप्त दरखास्त पर कार्यवाही करते हुए थाना पिन्जौर उपरोक्त आरोपीयो के खिलाफ अभियोग अकितं करके कार्यवाही की गई । आरोपी को गिरफ्तार करके माननीय पेश अदालत करके कार्यावाही की गई ।