अखिल भारतीय किसान सभा व अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन ने आज गुड़गाँव में मजदूर किसानों की मांगों को लेकर 9 अगस्त को होन वाले सत्याग्रह का प्रधान मंत्री के नाम नोटिस
गुड़गाँव 24 जुलाई’ 2020
सीआईटीयू, अखिल भारतीय किसान सभा व अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन ने आज गुड़गाँव में मजदूर किसानों की मांगों को लेकर 9 अगस्त को होन वाले सत्याग्रह का प्रधान मंत्री के नाम नोटि गुड़गाँव के तहसीलदार श्री डी एस मालिक को दिया। इसी के साथ पटौदी में सीआईटीयू के ज़िला सचिव धर्मवीर व सोहना में सीआईटीयू की उपाध्यक्ष मीरा देवी की अध्यक्षता में नोटिस दिये गए। गुड़गाँव में नोटिस देने के इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सीआईटीयू के ज़िला प्रधान कंवर लाल यादव तथा संचालन ज़िला के सह सचिव एस एल प्रजापति ने किया।
वक्ताओं ने अपने विचार रखते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते किए गए लोक डाऊन से करोड़ों लोगों के रोजगार तबाह हो गए हैं। हमारी आबादी के एक बड़े हिस्से के लिए खाद्य सुरक्षा का संकट खड़ा हो गया है। उत्पादन, कारोबार, रोजगार अभी पटरी पर आने में बड़ा समय लगने की संभावना है। ऐसे समय में जनता को संक्रमण से बचाव के लिए स्वास्थ्य के ढ़ांचें को मजबूती प्रदान करना एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किए जाने की बेहद जरूरत है। दूसरी और करोड़ों की आबादी को भुख व कुपोषण से बचाने के लिए न केवल मुफत राशन मुहैया करवाए जाने की जरूरत है बल्कि उसे नगदी भी प्रदान की जानी चाहिए। जहां एक तरफ मजदूरों के लिए रोजगार बहाली की जरूरत है वहीं खेती व किसानी को संकट से उभारने के लिए आर्थिक मदद की तुरंत दरकार है। परंतु बार-बार इस बारे अपील करने, मांग पत्र भेजने व सीमीत प्रतिरोध के द्वारा सरकार के समक्ष अपना पक्ष रखने के बावजूद इस दिशा में केन्द्र सरकार की बेहद संवेदनहीन प्रतिक्रया मिली है। जनता को राहत देने की बजाय सरकार ने लोक डाऊन से पहले जारी प्रयासो के तहत सार्वजनिक व सरकारी क्षेत्र को निजी हाथों में सौंपने का काम किया है। मजदूरों के अभी तक हासिल किए गए अधिकारों को छीनने का क्रम जारी रखा है। खेती कें बारे तीन अध्यादेश लाकर सरकार ने खेती व फसलों को कारपोरेट व अमीरों के हवाले करने के व किसानों को उनके रहमों करम पर छोड़ देने के ही कदम उठाए हैं। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए स्वास्थ्य के ढ़ाचें को मजबूत करने की बजाय सरकार का रूख जनता के बुनियादी नागरिक अधिकारों को छीनने का ही रहा है। हमारे देश की आत्मनिर्भरता व उसके बुनिाद को खत्म करने का काम इस कोरोना काल में केन्द्र सरकार कर रही है। इसलिए सीआईटीयू, किसान सभा खेत मजदूर यूनियन व कर्मचारियों के संगठनों ने 9 अगस्त “भारत छोड़ो दिवस” पर ’’भारत बचाओ नारे’’ के साथ देशव्यापी जेल भरो कार्यवाही के तहत हम सत्याग्रह करेंगे का फैसला किया है।
जनता की मांग है कि सरकारी स्वास्थ्य के ढ़ाचे को मजबूत बनाया जाए इसका विस्तार हो व अधिक निवेश किया जाए। स्वास्थ्य विभाग के तमाम अस्थाई कर्मी स्थाई हों व नई भर्ती भी की जाए। सभी जरूरतमंद परिवारों को 6 महीनों तक प्रतिव्यक्ति 10 किलो अनाज फ्री में मिले। जो परिवार करदाता नहीं है, उसे 7500 रूपये महीना नगद राशि प्रदान की जाए। केन्द्र द्वारा खेती व किसानी के बारे लाए गए तीन अध्यादेश निरस्त हों। किसानों की फसलों की लाभकारी मूल्य पर खरीद की गारंटी हों। गरीब किसानों व खेतमजदूरों के कर्जे माफ करो व कर्जा बोर्ड गठित करो। मनरेगा में 200 दिन काम 600 रूपये दिहाड़ी करो, शहरों में भी इसे लागू करो। रेहड़ी-पटरी मजदूरों को राहत दी जाए।
श्रम कानूनों में राज्यवार किए गए संशोधन निरस्त हों व केन्द्र द्वारा प्रस्तावित बदलाव वापस हों। नौकरी से निकालने वाले फैक्ट्री मालिकों के खिलाफ कार्यवाही हो व मजदूरों की नौकरी बहाली हो व वेतन कटौती बंद हो। सार्वजनिक क्षेत्र व सरकारी विभागों का निजीकरण बंद हो व इस बारे लिए गए तमाम फैसले वापस लिए जाएं। सभी निर्माण मजदूरों का निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड में रजिस्ट्रशन हो, आनलाईन-आफलाईन पंजीकृत श्रमिकों को सभी लाभ व सुविधाएं मिलें। सरकारी विभागो में स्थाई भर्ती हो। तमाम अस्थाई/ठेका कर्मचारियों को पक्का करो। कच्चे कर्मचारियों को पक्का करो। आंगनवाड़ी, आशा, मिड डे मील, क्रेच कर्मियों, ग्रामीण सफाई कर्मियों, ग्रामीण चैकिदारों, वन मजदूरों समेत सभी तरह के अस्थाई कर्मियों को 24000 रूपये न्यूनतम वेतन दिया जाए।
नोटिस देने के इस कार्यक्रम को जनवादी महिला समिति की राज्य प्रधान उषा सरोहा, हरियाणा अध्यापक संघ के सत्यनारायण यादव, सुभाष यादव, रेहड़ी पटड़ी फेरी कमेटी के ज़िला प्रधान योगेश कुमार, अशोक सिंह, जनवादी नौजवान सभा की अदिति गौतम, रोहीन गर्ग, सुरित सिंह, आशा वर्कर्ज यूनियन की सुदेश, पिंकी, रेखा, मिड डे मील की शकुंतला, संतोष, पुष्पा आदि अपने साथियों के साथ उपस्थित रहे।