दुष्कर्म करने वाले को मिली कडी सजा

पंचकुला 17 जून :-

श्री मोहित हाण्डा भा0पु0से0 पुलिस उपायुक्त पंचकुला के निर्देशानुसार जिला पंचकुला मे मुकदमो के पैरवी करते हुए एक मुकदमा मे दुष्कर्मी को सजा दिलाने मे कामयाबी :- दिनांक 01-03-2018 को ———– नामक महिला नें महिला थाना पंचकुला में हाजिर आकर एक शिकायत दी कि आज दिनांक 01-03-2018 को उसको उसके जानकर कमल उर्फ कुनाल नें होटल औस्कर सैक्टर-5 पंचकुला में बुलाया और उसे होटल के कमरे ले जाकर शराब पिलाकर बेहोश कर दिया और बेहोशी की हालत में उसके साथ कमल उर्फ कुनाल नें बलात्कार किया । जिस पर मुकदमा नं. 08 दिनांक 01-03-2018 धारा 328,376 भा0द0सं0 महिला थाना दर्ज रजिस्टर किया जाकर अभियोग का अनुसन्धान महिला सहायक उप निरीक्षक परविन्द्र कौर महिला थाना पंचकुला के द्वारा अमल मे लाया गया । अभियोग के अनुसन्धान के दौरान पिडिता का मैडीकल करवाया गया व होटल के सी0सी0टी0वी कैमरों की फुटेज व अन्य रिकार्ड प्राप्त किया गया । अभियोग में तफतीस के दौरान आरोपी कमल उर्फ कुनाल पुत्र बृज पाल गांव खांजापुर जिला मुज्जफर नगर यु0पी हाल म0 न0 437 नजदीक खेडा मन्दिर गांव मौली थाना मौली जांगरा चन्डीगढ को सबूत काबिले गिरफतारी गुजरने पर दिंनाक 03.3.18 को व उसके साथी आशीष उर्फ आशु पुत्र राजेश कुमार जाति खटिक मकान न0-703 विकास नगर मौली जांगरा चण्डीगढ़ को सबूत काबिले गिरफतारी गुजरने पर दिनांक 04.03.2018 को विधीनुसार गिरफतार किया गया । अभियोग में पिडिता लडकी व आरोपी के सैम्पल बलात्कार बारे लेकर FSL मधुबन में मिलान के लिये भेजे गये थे । अभियोग की हर प्रकार से तफतीश पुरी करके दोनों आरोपीया कमल उर्फ कुनाल व आशीष उर्फ आशु के खिलाफ ठोस व मजबुत साक्ष्यों के आधार पर चालान तैयार करके दिनांक 31-05-2018 को न्यायलय में सुनवायी के लिये दिया गया । जिस पर सुनवायी करते हुए दिनांक 15-06-2020 को अदालत श्री नरेन्द्र सुरा अतिरिक्त सैसन जज पंचकुला की कोर्ट नें मुख्य आरोपी कमल उर्फ कुनाल को 10 साल की सजा व 02 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी है व साथी आशीष उर्फ आशु को बरी कर दिया है । अभियोग में आरोपी को सजा दिलाने में महिला थाना की पर्यवेक्षण अधिकारी श्रीमित नुपूर बिशनोई ह0पु0से0 सहायक आयुक्त पुलिस पंचकुला के कुशल पर्यवेक्षण में मुकदमें की IO (अनुसन्धान अधिकारी) ASI परविन्द्र कौर महिला थाना पंचकुला के द्वारा की गई तफतीश की अहम भुमिका रही है । जिसकी ठोस तफतीश के आधार पर ही अभियोग में आरोपी को सजा हो सकी है