एचईआरसी में मनाया गया संविधान दिवस .अधिकारों के साथ कत्र्तव्य-परायणता का भी पाठ पढ़ाया.
पंचकूला, 26 नवंबर- संविधान दिवस के मौके पर हरियाणा बिजली विनियामक आयोग एचईआरसी में बुधवार को विधिवत तौर पर संविधान दिवस मनाया गया। एचईआरसी के सदस्य प्राविन्द्रा सिंह चैहान और सदस्य नरेश सरदाना ने इस अवसर पर एचईआरसी के तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों को संविधान दिवस के मौके पर अपने अधिकारों के साथ.साथ कत्र्तव्य परायणता का भी पाठ पढ़ाया।
उल्लेखनीय है कि सभी सरकारी कार्यालयों और सभी स्वायत्त संस्थाओं के दफ्तरों में संविधान दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था। राष्ट्रीय एकता और अखंडता को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में एचईआरसी के पंचकूला सेक्टर 4 में स्थित एचईआरसी कार्यालय के सभागार में संविधान दिवस मनाया गया। इस मौके पर सबसे पहले राष्ट्रगान गाया गया, उसके बाद एचईआरसी के सदस्य प्राविन्द्रा सिंह चैहान ने संविधान की प्रस्तावना पढ़ी। उसके बाद उन्होंने संविधान के निर्माण से लेकर अब तक हुए संशोधनों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अभी तक 104 संशोधन हुए हैं, हमारा संविधान विश्व में सर्वश्रेष्ठ संविधान है, जिसे बने हुए 70 वर्ष पूरे हो गए हैं। हम सबका कत्र्तव्य है कि हम संविधान को सर्वोंपरि मानते हुए अपना कार्य करंे। प्रस्तावना पढने के बाद राष्ट्रगान गाया गया। वहीं एचईआरसी के सदस्य नरेश सरदाना ने इस मौके पर अधिकारों और कत्र्तव्यों पर प्रकाश डालते हुए कुछ अपने अनुभव सांझा किए। वहीं एचईआरसी के कंसलटेंट रघबीर शरण ने कत्र्तव्य परायणता पर अधिक जोर दिया।
इस अवसर पर एचईआरसी के डायरेक्टर टेक्रिकल वीरेंद्र सिंह, एडिशनल डायरेक्टर सुरभि जैन सहित तमाम एचईआरसी के सीनियर अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।
पंचकूला, 26 नवंबर- आगामी 6 से 8 दिसंबर तक मनाये जाने वाले जिला स्तरीय गीता जयंती समारोह को लेकर उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने लघु सचिवालय के सभागार में संबंधित अधिकारियों की बैठक ली।
उपायुक्त ने कहा कि गीता जयंती समारोह को पूर्व के वर्षों की भांति इस वर्ष भी बड़ी धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया जायेगा। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को इस बारे में तैयारियां करने के निर्देश दिये। उन्होंने इस दौरान लगाये जाने वाल स्टालों, प्रदर्शनी, सेमिनार व शोभायात्रा के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। इस समारोह में छात्रों और आम नागरिकों की अधिक से अधिक भागीदारी करवाना सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि भले ही 21वीं शताब्दी में भौतिक रूप से समाज ने काफी प्रगति की है परंतु मानवीय मूल्यों में काफी ह्वास आया है। इस गीता जयंती जैसे समारोह का उद्देश्य ज्ञानयोग, भक्तियोग और कर्मयोग के भगवतगीता के संदेश को आम जन मानस तक लेकर जाना है और मानवीय मूल्यों में उच्च आदर्शों की स्थापना करना है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में स्कूली और काॅलेज के विद्यार्थियों की भागीदारी को अधिक से अधिक बढ़ाना है ताकि भौतिक विकास के साथ उनका मानसिक और आत्मिक विकास भी किया जा सके। उन्होंने कहा कि भगवतगीता में मानव जीवन के अंतिम लक्ष्य के बारे में बताया है, जिससे प्रभावित होकर समाज हिंसा, घृणा और ईष्या को छोड़कर प्रेम भावना और विश्व भ्रातृत्व की भावना से कार्य करता है, जिसकी आज के समय में बड़ी जरूरत है।
इस अवसर पर एसडीएम सुशील कुमार, नगराधीश नवीन कुमार आहूजा, जिला परियोजना अधिकारी सुनील जाखड़ सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।