यदि हमारी वाणी में मिठास नहीं है तो जीवन सुखमयी नहीं होता- -निरंकारी सत्गुरू माता सविन्द्र हरदेव जी महाराज. -निरंकारी सत्गुरू माता सविन्द्र हरदेव जी महाराज
चण्डीगढ़ 9 अक्तबर 2016: जिस प्रकार किसान खेती करता है उसमें बीज भी अच्छा और खाद भी अच्छी डालता है मेहनत भी पूरी करता है लेकिन यदि उसमें पानी खारा डाल देता है तो फसल अच्छी नहीं होती जिससे उसे लाभ की बजाए हानि होती है ठीक उसी प्रकार यदि हमारे जीवन में प्यार, नम्रता, सहनशीलता, इन्सानियत है हम सत्संग में भी आते हैं लेकिन हमारी वाणी में कड़वाहट है तो हमारा जीवन सुखमयी नहीं हो सकता ये उदगाार आज यहां मनीमाजरा के मौलीजागरां में स्थित सन्त निरंकारी सत्संग स्थल पर हुए विशाल सन्त समागम में ए∙ लाख से अधिक∙ संखया में उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए । यह सत्गुरू माता जी का निरंकारी मिशन के प्रमुख का कार्यभार संभालने के बाद देहली से बाहर का पहला कार्यक्रम था ।
निरंकारी सत्गुरू माता जी ने बाबा हरदेव सिंह जी के प्रवचनों को याद दिलाते हुए कहा कि जिसप्रकार चीनी की बोरी में से जहां से भी निकाली जाए चीनी ही निकलती है उसीप्रकार सन्तों-महात्माओं का जीवन भी वैसा ही होता है अर्थात उनके मुख से भी हर समय मीठी वाणी निकलती है । गुस्से या कड़वी भाषा को कोई नहीं समझ सकता लेकिन प्यार की भाषा को हर कोई समझ लेता है चाहे वो किसी भी देश का रहने वाला हो।
सत्गुरू माता जी ने आगे कहा कि जिसप्रकार पेड़ के पत्तों का रूख हमेशा उस ओर ही होता है जिस तरफ की हवा चल रही होती है उसी प्रकार हमारा जीवन भी उस अनुसार होना चाहिए जैसा समय का सत्गुरू चाहता है।
यहां के मुखी श्री देवेन्द्र भजनी ने सत्गुरू माता जी का यहां पधारने पर आभार व्यक्त किया और इस अवसर पर ट्राईसिटी व पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश से आए सभी सज्जनों का धन्यवाद किया । इसके अतिरिक्त चण्डीगढ़ प्रशासन, नगरपालिका, पुलिस विभाग आदि जिन्होंने भी इस निरंकारी सन्त समागम के आयोजन में सहयोग दिया का भी आभार व्यक्त किया । इस अवसर पर सन्त निरंकारी मण्डल के सचिव श्री सी0एल0गुलाटी, अध्यक्ष, केन्द्रीय योजना एवं सलाहकार बोर्ड, मैबर इन्चार्ज श्रीमति जोगिन्द्र कौर, यहां के ज़ोनल इन्चार्ज डा0 बी0 एस0 चीमा , चंडीगढ़ के संयोजक श्री मोहिन्द्र सिंह जी के अतिरिक्त अन्य कई गणमान्य उपस्थित थे ।