दि पंचकूला सैंट्रल को-आप्रेटिव बैंक को करोडों के घाटे का मुख्य कारण रिकवरी न होना.

पंचकूला3 जुन 2016

पंचकूला के विधायक ज्ञान चन्द गुप्ता ने दिंनाक 02 जुन 2016 (पंजाब केसरी) में छपी खबर जिसमें दि पंचकूला सैंट्रल को-आप्रेटिव बैंक को करोडों के घाटे में बताया गया के बारे में संज्ञान लेते हुए मुख्य प्रबंधक को पत्र लिखते हुए कहा कि पंजाब केसरी में छपी खबर अनुसार आपके बैंक में करोडों का जो घाटा र्दशया गया है वह क्यों है क्योंकि उस खबर में घाटे का मुख्य कारण रिकवरी न होना बताया गया है। जबकि किसान तोे सिधे प्राथमिक कृषि सहकारी समितियो से एम०सी०एल० के माध्यम से कर्जा लेते है। वह बैंक से तो कर्जा लेते ही नहीं और बैंक समितियों के माध्यम से किसानों को जो कर्जा देते है उस कर्जे पर बैंक हर वर्ष (प्राथमिक कृषि समितियों) से सारा ब्याज बसूल कर लेता है। फिर क्या कारण है। कि बैंक फिर भी करोडों के घाटे में चल रहा है। इस घाटे के जिम्मेवार कोन है और उन सब के बारे में जानकारी सर्वजनिक की जानी चाहिऐं तथ उनसे रिकवरी की जाए। जिससे बैंक इस करोडों के घाटे से उभर सकें। और किसानों के जो एम०सी०एल० 6 वर्ष से नही बनने की बात लिखी है उनका न बनने का क्या कारण है।
बैंक में 6 वर्ष से एम०सी०एल० न बनने बारे जो बात राजेश कौना, पूर्व चेयरमैन जिला परिष्द वसचिव, हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कही है कि 6 वर्ष से किसानों के जो एम०सी०एल० नही बने है उस बारे में कहना चाहुगां की भाजपा सरकार बनी को तो अभी 2 वर्ष भी नही हुए है इससे पहले 4 वर्ष तक किसानों के एम०सी०एल० क्यो नही बने इस बारे भी राजेश कौना जी को भी बताना चाहिए।