विश्व की कई प्रलंयकारी घटनाओं के पीछे सबसे बड़ा कारण अनिंद्रा ही थी: विशेषज्ञ

पंचकूला, 21 मई: पंचकूला सीनियर सिटीजंस एसोसिएशन के 100 से अधिक सदस्यों ने आज मैक्स हॉस्पिटल द्वारा डे केयर सेंटर, सेक्टर 15, पंचकूला में ‘स्लीप एपनिया’ (नींद में सांस उखडऩा) पर आयोजित सेमिनार में हिस्सा लिया। इस मौके पर एक फ्री मल्टी स्पेशिएलिटी हेल्थ चैक-अप कैम्प भी आयोजित किया गया, जिसमें 150 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया।
सेमिनार को संबोधित करते हुए डॉ.दीपक भसीन, सीनियर कंसल्टेंट, पल्मनोलॉजी, स्लीप मेडिसन एंड क्रिटिकल केयर मेडिसन, मैक्स हॉस्पिटल ने कहा कि कई नए मेडिकल अध्ययनों में ये सुझाया गया है कि अच्छे भोजन और नियमित व्यायाम केे बाद एक अच्छी नींद एक लम्बी और स्वस्थ जीवन के लिए तीसरी सबसे जरूरी चीज है। ‘स्लीप अपनिया’ के लक्ष्णों में जिनमें ऊंची आवाज में खर्राटे, सांस घुटना या नींद के दौरान हांफना, दिन में ऊंघना या काम या ड्राइविंग के समय नींद आना, सुबह सिरदर्द, यादाश्त या सीखने में मुश्किल होना, चिड़चिड़ापन या सुभाव उखडऩा और रात को बार-बार पेशाब आना शामिल है। स्लीप एपनिया की जटिलताओं में उच्च रक्तचाप, हदृय रोग, स्ट्रोक, मोटापा, मधुमेह यानि डायबटीज और काम संबंधित खतरा बढऩा और ड्राइविंग के दौरान दुर्घटनाओं का बढऩा शामिल है।
जनरल ऑफ अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में प्रकाशित रिपोट्र्स का उदाहरण देते हुए डॉ.भसीन ने कहा कि स्वीयर ऑबस्ट्रेटिक्व स्लीप अपनिया (ओएसए) से मध्यम आयु और बड़ी उम्र के लोगों में हार्ट फेल होने का जोखिम काफी बढ़ जाता है। वहीं 70 वर्ष तक की उम्र के लोगों में कोरोनरी हार्ट रोग का जोखिम भी काफी हद तक बढ़ जाता है। ओएसए में नींद के दौरान नसिका से हवा आने जाने का रास्ता अवरुद्ध हो जाता है और मरीज को सांस लेने में मुश्किल हो जाती है।
दुर्भाग्य से अनिंद्रा के कारण कई मानवीय गलतियों को भी दर्ज किया गया है जिन्होंने विश्व के कई प्रलयंकारी हादसों को जन्म दिया है जिनमें भोपाल गैस त्रासदी, चेरिनोबल परमाणु हादसा, स्पेस शट्ल चैलेंजर हादसा आदि प्रमुख हैं।
डॉ.भसीन ने कहा कि ये सभी हादसे उस समय हुए जब नींद संबंधी विकार अपने चरम पर थे। स्लीप अपनिया या एक निंद्रा विकार, जिसमें एक व्यक्ति की सांस 10 सैकेंड्स से अधिक समय तक रूक जाती है, विश्व के लिए एक बड़ी चिंता पैदा करती है क्योंकि ये सीधे तौर पर कई अन्य रोगों जैसे डायबटीज, कार्डियोवस्कुर्लर रोग, मोटापा आदि से संबंधित हैं।
डॉ.भसीन ने बताया कि स्लीप अपनिया का इलाज स्लीप लैब्स, इन-पेशेंट सुविधा के साथ, में किया जा जाता है जिसमें इंटर्नल मेडिसन, ईएनटी, प्लमनरी मेडिसन, न्यूरोलॉजी और साइक्रेटी के मेडिकल विशेषज्ञों की विशेषज्ञता को एक साथ लाते हुए मरीज को ठीक करते हैं। लैब में अत्याधुनिक प्ॉलीसोमनोग्राफी (पीएसजी) मशीने हैं जो कि मरीज के नींद लेने के अंदाज का अध्ययन करते हैं। इन मशीनों को उच्च प्रशिक्षण प्राप्त तकनीशियनों द्वारा संचालित किया जाता है जो कि नसिका प्रवाह, खर्राटों की आवाज, नब्ज की गति, दिल ही धडक़न, सांस लेने की प्रक्रिया, छाती या टांगों की हरकतों, पेट की हरकतों और मरीज में ऑक्सीजन के कमी आदि की स्टडी करते हैं। इन सब के आधार पर एक सम्पूर्ण स्लीप रिपोर्ट तैयार की जाती है जिसमें नींद संबंधित विकारों को तय कर उनकी सही पहचान की जाती है और मरीज के लिए एक विशेष इलाज योजना को तैयार किया जाता है।