वर्तमान में मीडिया की बहुत प्रभावी ढंग से समाज निर्माण मेें सशक्त भूमिका- विवेक आत्रेय
पंचकूला, 16 नवम्बर- उपायुक्त विवेक आत्रेयने कहा कि वर्तमान में मीडिया बहुत प्रभावी ढंग से समाज निर्माण मेें सशक्त भूमिका निभा रहा है। सूचना प्रोद्योगिकी के इस युग में देश-विदेश की घटनाओं की सूचनाएं हमें पल भर में मिल रही हैं। ऐसे में सूचना की प्रमाणिकता को जांचना तथा उसे संतुलित बनाना बड़ा अहम कार्य है, जिसके लिए पत्रकारों को बहुत ही जागरुकता के साथ सूचनाएं प्रकाशित व प्रसारित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज के विकास के लिए लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की मजबूती बहुुत जरूरी है।
उपायुक्त विवेक आत्रेय ने सोमवार को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर जिला सचिवालय के कांफ्रेंस हाल में आयोजित कार्यक्रम में सभी को प्रेस दिवस की बधाई देते हुए कहा कि आज सोशल मीडिया की पहुंच बहुत ज्यादा हो गई है। अब प्रत्येक व्यक्ति के पास सूचनाएं भेजने के लिए विभिन्न डिवाइस उपलब्ध हैं। मोबाइल व इंटरनेट ने इस दिशा में बड़ी तेजी से अपने पैर पसार लिए हैं। हमें देश-विदेश की घटनाओं की सूचना ऐसे मिलती है कि मानो यह घटना हमारे आसपास ही घटित हुई है। उन्होंने कहा कि एक लेखक के रूप उनका अनुभव है कि सूचना को सत्यता व प्रमाणकिता के आधार पर संतुलित करना बड़ा आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में उन्होंने पत्रकारिता क्षेत्र में काफी बदलाव देखे हैं। उनका पत्रकारिता क्षेत्र में काफी नजदीकी अनुभव रहा है। उन्होंने कहा कि पंचकूला जिला में प्रेस के लोगों ने जिला प्रशासन की गतिविधियों व जनहित के कार्यों को प्रसारित या प्रकाशित करने में काफी सराहनीय सहयोग किया है।
उपायुक्त ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि विचारों की स्वतंत्र अभिव्यक्ति हमारा मौलिक अधिकार है, परंतु इस अधिकार का उपयोग सच्चाई के धरातल पर ही किया जाना चाहिए। पे्रस की स्वतंत्रता का उपयोग व्यक्तिगत स्वार्थों और निजी लाभ के लिए कतई नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रेस एक बहुत बड़ी ताकत है, लेकिन इसके साथ-साथ उनकी जिम्मेदारियां भी उतनी ही ज्यादा हैं। उन्होंने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या, लड़कियों को उच्च शिक्षा से वंचित रखना जैसी सामाजिक बुराइयों के प्रति भी मीडिया समय-समय पर लोगों को जागरूक करता है तथा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान, स्वच्छता अभियान, जनहित के कार्यों व सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों को प्रचारित कर समाज में जागरुकता का संदेश देता है, जिससे काफी सकारात्मक बदलाव समाज में आते हैं।
वरिष्ठ पत्रकार व सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से संयुक्त निदेशक के पद से सेवानिवृत अरुण जौहर ने कहा कि प्रेस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य है कि हम आपस में बैठकर पत्रकारिता के क्षेत्र में आने वाली समस्याओं और चुनौतियों के समाधान के लिए विचार-विमर्श करें। उन्होंने कहा कि आज के दिन 16 नवंबर 1966 को प्रैस काउंसिल ऑफ इंडिया ने अपनी कार्यप्रणाली आरंभ की थी और तभी से ही इसे प्रैस दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि आजादी से पूर्व पत्रकारों में देश और राष्ट्र निर्माण के लिए जो जुनून था, आज उसकी बेहद कमी आ गई है। इस कमी को तभी पूरा किया जा सकता है, जब समाचार-पत्र संगठन अपने हितों का त्याग कर समाजहित को सर्वोपरि रखें, ताकि देश में आपसी भाईचारे व खुशहाली का वातावरण बने। उन्होंने कहा कि अगर पत्रकारिता धर्म की पालना निस्वार्थ भाव से करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कलम रूपी हथियार का प्रयोग केवल समाजहित में ही होना चाहिए।