सरोज घोष के सितार की मधुर स्वर लहरियों से केन्द्र की 262वीं मासिक बैठक मे मोहा दर्शकों का मन.

सरोज घोष के सितार की मधुर स्वर लहरियों से केन्द्र की 262वीं मासिक बैठक मे मोहा दर्शकों का मन

प्राचीन कला केन्द्र द्वारा हर माह आयोजित मासिक बैठकों की श्रृंखला में आज दिनांक 11 सितम्बर को 262वीं मासिक बैठकों की श्रृंखला में आज शहर की जानी मानी सितार वादक प्रोफैसर सरोज घोष सुप्रसिद्ध सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खां साहिब की शिष्या है । संगीतज्ञ परिवार में जन्मी सरोज ने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोतर एवं एमफिल की ड्गि हासिल की । आज पंजाब विश्वविद्यालय में बतौर प्रोफैसर कार्यरत है । सरोज घोष ऑल इंडिया रेडियो की नियमित कलाकार है। इन्होंने बहुत सी प्रस्तुतियां पेश करके दर्शकों की सराहना प्राप्त की है ।
सरोज ने कार्यक्रम की शुरूआत राग पूरीया धनाश्री से की जिसमें आलाप के पश्चात 11 मात्रा में एक ताल में निबद्ध बंदिशें पेश करके खूब सराहना प्राप्त की । उपरांत उस्ताद अमजद अली खां साहिब की प्रसिद्ध रचना जो कि राग किरवानी रूपक ताल में निबद्ध थी को पेश करके खूब तालियां बटोरी ।
कार्यक्रम का समापना सरोज ने मिश्र राग में निबद्ध एक मधुर धुन से किया जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया । इनके साथ तबले पर शहर के युवा तबला वादक रजनीश धीमान ने बखूबी संगत की । कार्यक्रम के अंत में केन्द्र की रजिस्ट्ार डॉ.शोभा कौसर एवं सचिव श्री सजल कौसर ने कलाकारों को सम्मानित किया ।

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