सोज़भरी गज़लों की एक शाम जगजीत सिंह के नाम

Chandigarh-8/2/19,प्राचीन कला केन्द्र द्वारा केन्द्र के एम.एल.कौसर सभागार में गज़ल सम्राट जगजीत सिंह की 78 वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक भावभीनी श्रद्धाजंलि दी गई । जिसमें कई जाने माने संगीतकारों एवं गायकों द्वारा जगजीत सिंह जी की चुनिंदा गज़लों की प्रस्तुति दी गई जिससे दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए ।
पारम्परिक द्वीप प्रज्वलन के पश्चात पीयूशा मित्रा द्वारा श्लोक से कार्यक्रम की शुरूआत की गई । उपरांत बाबुल मोरा,बाजू बंद खुल खुल जाए एवं तराना प्रस्तुत किया गया ।
इसके पश्चात श्री एस.डी.शर्मा एवं पीयूशा द्वारा जगजीत सिंह जी के मनपसंद गज़लों को पेश किया । उस मोड़ पे शुरू करें ये जिंदगी अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें,कागज की कश्ती जैसी प्रसिद्ध गज़लें पेश की गई ।
इसके पश्चात गुड़गांव के प्रसिद्ध संगीतकार सिमंत सिंह मान ने होश वालो को खबर क्या,कोई फरीयाद जैसी सुंदर गज़लें पेश की और दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया । कार्यक्रम के अगले भाग में सुशील नागपाल एवं अनीता रतन ने सुना था वो आएंगे अंजुमन में,तेरे आने की जब खबर महके एवं हर तरफ हर जगह बेशुमार आदमी जैसी जानी मानी गज़लें पेश की गई । जिसे दर्शकों ने खूब सराहा ।
कार्यक्रम के अंतिम भाग में मुसाफिर द्वारा दो स्वयं रचित गज़लें एवं कौन आएगा यहां कोई न आया होगा, मैं नशे में हूॅं, बात निकलेगी तो फिर दूर तलक एवं धुआं बना के फिज़ा में उड़ा दिया मुझको पेश करके खूब तालियां बटोरी ।इनके साथ मंझे हुए संगीतकारों ने की बोर्ड पर जी.एस.लवली,तबले पर गौतम धर,गिटार पर सुरेंद्र सिंह ने बखूबी संगत की ।
श्री सजल कौसर,सचिव प्राचीन कला केन्द्र एवं भूपेन्द्र मलिक ने बखूबी मंच संचालन किया । कार्यक्रम के अंत में श्री सजल कौसर ने कलाकारों को सम्मानित किया ।
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