प्राकृतिक आपदाओं को ध्यान में रखकर अपनी योजनाएं बनाएं सामाजिक संगठन:डॉ.रत्ना भारती एफपीए इंडिया ने किया एमआईएसपी व ह्यूमैनिटेरियन वर्क विषय पर कार्यशाला का आयोजन.

c

पंचकूला।-19/9/24, सामाजिक संगठनों को चाहिए कि वह अपनी सेवाओं का दायरा विशाल करें। जिससे अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके। सामाजिक संगठनों को भविष्य में होने वाली प्राकृतिक आपदाओं को ध्यान में रखकर अपनी योजनाएं बनानी चाहिए। उक्त विचार हरियाणा राज्य स्वास्थ्य रिसोर्स सेंटर की कार्यकारी निदेशक एवं डीएचएस डॉ. रत्ना भारती ने आज पंचकूला में यौन और प्रजनन स्वास्थ्य के क्षेत्र में देश में वर्ष 1949 से कार्य कर रहे अग्रणी संगठन फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा यौन प्रजनन स्वास्थ्य के विषय पर आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि भाग लेकर व्यक्त किया।
कार्यशाला का विषय था यौन प्रजनन स्वास्थ्य के लिए न्यूनतम प्रारंभिक सेवा पैकेज (एमआईएसपी) और भारत में मानवीय संकट के दौरान एफपीए इंडिया के प्रयास। इस अवसर पर डॉ.रत्ना भारती ने कहा कि वैश्विक मानवीय संकट हर दिन प्राकृतिक आपदाओं, जलवायु परिवर्तन, सशस्त्र संघर्ष, महामारी और अन्य जटिल आपात स्थितियों के कारण लगभग 34,000 लोगों को विस्थापित करता है। संकट के दौरान महिलाओं और लड़कियों की प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता बनी रहती हैं। संकटों से प्रभावित एक चौथाई लोग 15-49 वर्ष की महिलाएं और लड़कियां होती हैं। हर पांच में से एक महिला गर्भवती होने की संभावना होती है और हर पांच प्रसवों में से एक में जटिलताएं हो सकती हैं। इस तरह की परिस्थितियों में काम करने के लिए एफपीए इंडिया की भूमिका सराहनीय है।
इस अवसर पर बोलते हुए एफपीए इंडिया, पंचकूला शाखा की चेयरपर्सन अनीता बतरा ने बताया कि प्राकृतिक आपदा व अन्य संकटों के दौरान यौन संचारित संक्रमणों और एचआईवी के संक्रमण की दर भी बढ़ जाती है। किशोर भयभीत, तनावग्रस्त, ऊबे हुए या निष्क्रिय महसूस कर सकते हैं और वे ऐसे जोखिम पूर्ण परिस्थितियों का सामना कर सकते हैं जिनसे निपटने के लिए वह तैयार नहीं होते।
इस अवसर पर बोलते हुए संस्था के पूर्व अध्यक्ष विनोद कपूर ने संस्था द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों के बारे में अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम में विशेष रूप से पधारे हरियाणा रेडक्रास के संयुक्त सचिव अनिल जोशी ने एफपीए इंडिया द्वारा किए जा रहे कार्यों की सहराना करते हुए कहा कि यौन प्रजनन स्वास्थ्य बेहद गंभीर विषय है। इस बारे में जहां आमजन में जागरूकता फैलाए जाने की जरूरत है वहीं सामाजिक संगठनों को एकजुटता के साथ इस दिशा में काम करने की जरूरत है।
फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने पूरे देश में मानवीय संकटों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रजनन स्वास्थ्य के लिए न्यूनतम प्रारंभिक सेवा पैकेज के क्रियान्वयन के माध्यम से एफपीए इंडिया ने प्राकृतिक आपदाओं, संघर्षों और अन्य आपात स्थितियों से प्रभावित कमजोर जनसंख्या को महत्वपूर्ण समर्थन प्रदान किया है।
इस अवसर पर बोलते हुए एफपीए इंडिया के महाप्रबंधक मनोज गर्ग ने कहा कि इसका उद्देश्य मातृ और नवजात मृत्यु दर को रोकना,यौन हिंसा का प्रबंधन करना और गर्भनिरोधक तक पहुंच सुनिश्चित करना है। इस अवसर पर विजयलक्ष्मी सचिव रेड क्रॉस अंबाला, रणदीप सिंह सचिव यमुनानगर, कर्नल आलोक बत्रा, वंदना शर्मा प्रोग्राम अफसर, धर्मवीर गौतम इत्यादि भी उपस्थित थे।

आपसे विनम्र निवेदन है कि इस समाचार को अपने प्रतिष्ठित समाचार पत्र में जगह देने की कृपा करें।

Share