एकीकृत पशुधन बीमा योजना के अंतर्गत देसी व संकर नस्ल के दुधारू पशु, बकरी, भेड़, शुकर, घोड़े, गधे, खच्चर, ऊंट आदि का बीमा किया जाता है-जोशी ।
पंचकूला, 20 दिसंबर- पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा एकीकृत पशुधन बीमा योजना के अंतर्गत देसी व संकर नस्ल के दुधारू पशु, बकरी, भेड़, शुकर, घोड़े, गधे, खच्चर, ऊंट आदि का बीमा किया जाता है। पशुपालकों को पांच बड़े पशु तथा 50 छोटो पशुओं तक के बीमा हेतु बीमा प्रिमीयम पर अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है। पशु मालिक को बड़े पशु के लिए मात्र 100 रूपए तथा छोटे पशु के लिए मात्र 25 रूपए बीमा प्रिमीयम की राशि अदा करनी होती है। अनुसूचित जाति के पशुपालकों के लिए पशु बीमा सुविधा सरकार की ओर से नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जा रही है।
उपायुक्त गौरी पराशर जोशी ने बताया कि अनुसूचित जाति की विशेष योजना के अंतर्गत विभाग द्वारा तीन पशुओं की डेयरी, सूअर पालन व भेड़-बकरी पालन इकाईयां स्थापित करने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान सहायता प्रदान की जा रही है। देसी गायों की मिनी डेयरी योजना के तहत गाय की देसी नस्लों के संरक्षण एवं विकास तथा राज्य में गौ संवर्धन को बढावा देने के लिए वर्ष 2015-16 से योजना शुरू की गई है। देसी नस्ल की तीन व पांच गायों की डेयरी इकाई लगाने वाले पशु पालकों को 50 प्रतिशत अनुदान गायों की खरीद मूल्य पर दिया जा रहा है। वर्ष 2016-17 के दौरान हरियाणा नस्ल की तीन व पांच गायों की लघु डेयरी ईकाई पर क्रमर्श: 75 हजार व एक लाख 25 हजार रूपए तक की अनुदान राशि उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके अलावा साहीवाल नस्ल की गायों की तीन व पांच गायों की लघु इकाई पर क्रमश: एक लाख 12 हजार 500 रूपए व एक लाख 87 हजार 500 रूपए तक की अनुदान राशि उपलब्ध करवाने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि हरियाणा गौ सेवा आयोग के माध्यम से पंजीकृत गौशालाओं को अनुदान देने की प्रक्रिया शुरू की गई है। चालू वित्त वर्ष में इसके लिए 20 करोड़ रूपए की राशि का प्रावधान किया गया है।
उपायुक्त ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिदिन प्रतिव्यक्ति 878 ग्राम दूध उपलब्धता के साथ हरियाणा देश में दूसरे स्थान पर है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह मात्र 329 ग्राम है। हरियाणा और साहीवाल नस्ल की अधिक दूध देने वाली गायों के पालकों को 10 से 20 हजार रूपए का प्रोत्साहन दिया जा रहा है। अधिक दूध देने वाली मुर्राह भैेंस के मालिक को प्रतिदिन दूध उत्पादन के आधार पर 10 हजार से 30 हजार रूपए तक का प्रोत्साहन दिया जा रहा है। पशु स्थ्वास्थ्य जांच सुविधाएं सुदृढ करने के लिए जिला स्तर पर मोबाईल पशु चिकित्सा एवं रोग निदान प्रयोगशालाएं शुरू की गई हैं, इनके माध्यम से पशु स्वास्थ्य सेवाओं तथा स्वास्थ्य जांच का उचित विस्तार खण्ड स्तर तक संभव हो पाएगा। उन्होंने जिला के पशुपालकों से अपील करते हुए कहा कि वे सरकार की पशुपालन एवं डेयरी से संबंधित चलाई जा रही स्कीमों की अधिक जानकारी के लिए उप निदेशक पशु पालन एवं डेयरी कार्यालय से संपर्क कर लाभ्ज्ञ उठा सकते हैं।
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