उत्तर भारत के लिए एक पहल है और पंचकूला हरियाणा का पहला जिला है, जिसमें विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए पहियों पर स्कूल नाम है, कलाम एक्सप्रेस।
पंचकूला, 7 नवंबर- उत्तर भारत के लिए एक पहल है और पंचकूला हरियाणा का पहला जिला है, जिसमें विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए पहियों पर स्कूल नाम है, कलाम एक्सप्रेस। इसका उद्देश्य प्रत्येक विशेष आवश्यकता वाले बच्चे को उसके घरद्वार पर शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाना है।
उपायुक्त गौरी पराशर जोशी ने बताया कि जिला में रेडक्रॉस के माध्यम से इस कार्यक्रम का शुभारंभ स्वतंत्रता दिवस पर किया गया। यह बस टेलीविजन, लेपटॉप, पुस्तकालय, खेल व सीखाने की किट तथा फिजियोथरैपी आदि उपकरणों से सुसजृत। इसके अलावा विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को बस पर चढऩे के लिए रैंप की व्यवस्था की गई है ताकि बच्चों को सीखने, खेलने व भौतिक चिकित्सा आदि में मदद मिले। विशेष आवयकता वाले बच्चों व उनके परिवार वालों के साथ संपर्क करने के लिए यह बस सप्ताह में छह दिन चल रही है, जिसमें विशेष अध्यापक, फिजियोथरैपिस्ट व जरूरत पडऩे वॉक चिकित्सक भी अपनी सेवाएं दे रहे है। इस बस के माध्यम से रूट चार्ट बनाकर जिला में 58 विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को गृह आधारित शिक्षा के साथ-साथ 790 विशेष आवश्यकता वाले बच्चे जो स्कूल पंहुच रहे, इसक लाभ उठा रहे है। उन्होंने बताया कि मास सितंबर में 64 विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को गृह आधारित शिक्षा एवं भौतिक शिक्षा चिकित्सा की सुविधा प्रदान की गई। इसके अलावा 21 स्कूलों में पढ़ रहे विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को भी सुविधा प्रदान की गइ्र।
उपायुक्त ने बताया कि प्रशासन एवं जिला रेडक्रॉस सोसायटी के माध्यम से आरोग्यम एक निशुल्क स्वास्थ्य सेवा मोरनी और पिंजौर खंड के पहाड़ी क्षेत्र के लिए उपलब्ध करवाई जा रही है। इस प्रोजैक्ट को स्कोच ग्रुप द्वारा ओडर ऑफ मैरिट व स्कोच गोल्ड अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है। माह सितंबर के दौरान इस प्रोजैक्ट के माध्यम से 61 मरीजों को अस्पताल, 36 मरीजों को अस्पताल से घर पंहुचाया गया और 484 मरीजों का प्राथमिक उपचार किया गया। उन्होंने बताया कि पहाड़ी क्षेत्र में गांवो व ढाणियों के अलग अलग होने के कारण उनकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दूरी अधिक है। बच्चों की माताएं उनके टीकाकरण व अपने स्वास्थ्य के लिए बहुत बार छह से आठ किलोमीटर चलकर सब स्वास्थ्य केंद्र मोरनी तक पंहुचती है। उनके लिए और रक्तजांच, आपातकाल स्थिति और रोगी को अस्पातल तक पंहुचाने के लिए आरोग्यम बाईक लग्र से काम कर रही है। इन वाहनों को चलाने के लिए पैरा मैडिक्स, जिनके पास चालक लाईसेंस है, को आलकैमिस्ट एवं आईवीवाई अस्पतालों में सामाजिक दायित्व निभाते हुए जिला प्रशासन को निशुल्क उपलब्ध करवाया गया है।