डा0 वजीर सिंह ने फसल अवशेष न जलाने के बारे में किसानों में जागरूकता लाने के लिए पब्लिसिटी वैन को झंडी दिखाई।
पंचकूला, 25 सितंबर- उपकृषि निदेशक, पंचकूला डा0 वजीर सिंह ने फसल अवशेष न जलाने के बारे में किसानों में जागरूकता लाने के लिए पब्लिसिटी वैन को झंडी दिखाई। पब्लिसिटी वैन द्वारा खण्ड बरवाला व रायपुररानी के सभी गांवों को शामिल किया जाएगा। इसके साथ जिले में स्थित सभी अनाज मण्डीयों में भी इस द्वारा फानेें न जलाने बारे जागरूक किया जाएगा। जिले के सभी स्कूलों, कालेजों, आई0टी0आई0 तथा पोलीटैकनीकों में छात्रों को फसल अवशेष जलाने के दूषप्रभावों के बारे में बताया जाएगा।
डा0 वजीर सिंह ने बताया कि यदि कोई किसान फसल अवशेषों में आग लगाता है तो एनजीटी द्वारा निर्धारित जुर्माना वसूला जाएगा। इसके अन्र्तगत रू 2500/- दो एकड तक, रू 5000/-2 से 5 एकड तक तथा रू 15000/- 5 एकड से अधिक प्रति घटना जुर्माने का प्रावधान है। डा0 सिंह ने बताया कि फसल अवशेष/फानें जलाने से वायु प्रदूषण बढ जाता है जिसके कारण ग्लोबल वार्मिंग बढ़ जाती है। धुंए से मनुष्य तथा पशुओं के स्वास्थ्य पर विपरित प्रभाव पडता है। फाने जलाने से भयंकर आगजनी की घटना भी हो सकती है।
डा0 वजीर सिंह ने किसानों को बताया कि फानें/अवशेषों को रोटावेटर से मिट्टी में मिलाकर कम्पोष्ट खाद के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। फसल अवशेष को मिट्टी में मिलाने से जैविक कार्बन की मात्रा में वृद्धि होती है। भूमि के मौलिक एंव रसायनिक गुणों में सुधार होता है तथा भूमि की जल ग्रहण करने की क्षमता में वृद्धि होती है तथा जैविक कार्बन की मात्रा बढ़ जाती है। फाने/ अवशेषों को जलाना पयार्वण प्रदूषण कट्रोल एक्ट का उल्लंघन है तथा इसमें ईपीसी एक्ट 1981 की धारा 188 के तहत जुर्माने के साथ सजा भी हो सकती है।