इंडियन नैशनल लोकदल के कलायत हलका कार्यकत्र्ताओं ने पूर्व संसदीय सचिव रामपाल माजरा के नेतृत्व में बिजली के बिलों की वृद्धि को लेकर शक्ति भवन के सामने पूरा दिन धरना दिया
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पंचकूला, 23 दिसम्बर ()। इंडियन नैशनल लोकदल के कलायत हलका
कार्यकत्र्ताओं ने पूर्व संसदीय सचिव रामपाल माजरा के नेतृत्व में बिजली
के बिलों की वृद्धि को लेकर शक्ति भवन के सामने पूरा दिन धरना दिया और
सत्ताधारी सरकार के खिलाफ अपना रोष प्रकट किया। इस मौके पर पूर्व
डी.जी.पी एम.एस मलिक, बी.ढी ढाहलिया, पूर्व विधायक जिलाध्यक्ष पंचकूला
प्रदीप चौधरी, कुलभुषण गोयल, बलदेव बाल्मीकि ने भाजपा सरकार की कमियों को
गिनवाया, वहीं इनैलो के शासनकाल के योजनाओं की जमकर सराहना की।
इनैलो नेता रामपाल माजरा ने संबोधित करते हुए कहा कि अगस्त 2015 में
भाजपा सरकार ने टयूब्वैल कनैक्षन के लिए नई तत्काल पोलिसी घोषित की,
जिसके अनुसार जो भी किसान वेटिंग लिस्ट को नजरअंदाज करते हुए तत्काल
कनैक्शन लेना चाहता है तो उसको अपनी तत्काल पोलिसी के साथ 1 लाख रूपया
जमा करवाना पड़ेगा। परंतु एक लाख रूपये के अलावा उसको सरकार के सर्कूलर
नंबर डी-12/2012 एवं सेलज सर्कूलर नंबर डी-16/2015 के अनुसार अन्य खर्चे
भी जमा करवाने होगें, जिसका विवरण इसमें दर्ज नही किया गया है।
माजरा ने धान खरीद के घोटाले बारे बोलते हुए कहा कि धान घोटाला 24 हजार
करोड़ रूपये से ज्यादा का है और किसानों को इस वर्ष धान के लिए सरकार
द्धारा न्यनत्तम समर्थन मुल्य 1450 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया
गया था, परंतु नमी के नाम का बहाना बनाकर 100-200 रूपये प्रति क्विंटल कम
राशी का भुगतान किया गया, जो सरासर किसानों के साथ धोखा है। उन्होंने कहा
कि इसके अतिरिक्त खरीददारों द्धारा धान के सरकारी खरीद एजेंसियों के नाम
बनामी फर्मो से लाखों क्विंटल के बोगस बिल फर्म का स्टॉक पूरा करने के
लिए प्राप्त किए है, जबकि हीककत में उनके व्यवसायिक स्थानों पर धान का
स्टॉक उपलब्ध नही है। इस प्रक्रिया द्धारा एजेंसियों से राईस मिलर ने धान
की खरीद की राशाी प्राप्त कर ली, जबकि घटिया किस्म का चावल किसी अन्य
राज्य से प्राप्त करके सरकार को कुछ समय के बाद दिया जाएगा। रामपाल माजरा
ने इसके साथ ही कहा कि 25 सितम्बर 2015 को बासमती धान की 1509 किस्म की
खरी के समय खाद्य एवं पूर्ति निदेशालय द्धारा अपने सभी जिला अधिकारियों
को निर्देश दिए थे कि धान खरीद का रिकार्ड अलग रखा जाए परंतु 4 दिन बाद
ही यादि कि 29 सितम्बर 2015 को पुन: यह निर्देश जारी कर किए कि इस धान की
खरीद का रिकार्ड अलग रखने की आवश्यकता नही है। ये दोनों पत्र सरकार
द्धारा राईस मिलर के बीच मिलीभगत को दर्शाते है।
इस अवसर पर पंचकूला जिला उपप्रधान रमेश मांधना, जिला महासचिव जरनैल
मानकपुर, पूर्व सरपंच सुच्चा सियूड़ी, सुरेन्द्र कुंडू, नीरज भल्ला, आजाद
मलिक, समाजसेवी सुच्चा रायपुर, जसबीर सिंह, यगपाल मलिक सहित काफी संख्या
में पंचकूला के कार्यकत्र्ता व पदाधिकारी भी मौजूद थे।
फोटो कैप्शन:- बिजली बिलों की बढ़ोत्तरी के विरोध में कलायत हलका के लोग
धरना देते हुए ()
कार्यकत्र्ताओं ने पूर्व संसदीय सचिव रामपाल माजरा के नेतृत्व में बिजली
के बिलों की वृद्धि को लेकर शक्ति भवन के सामने पूरा दिन धरना दिया और
सत्ताधारी सरकार के खिलाफ अपना रोष प्रकट किया। इस मौके पर पूर्व
डी.जी.पी एम.एस मलिक, बी.ढी ढाहलिया, पूर्व विधायक जिलाध्यक्ष पंचकूला
प्रदीप चौधरी, कुलभुषण गोयल, बलदेव बाल्मीकि ने भाजपा सरकार की कमियों को
गिनवाया, वहीं इनैलो के शासनकाल के योजनाओं की जमकर सराहना की।
इनैलो नेता रामपाल माजरा ने संबोधित करते हुए कहा कि अगस्त 2015 में
भाजपा सरकार ने टयूब्वैल कनैक्षन के लिए नई तत्काल पोलिसी घोषित की,
जिसके अनुसार जो भी किसान वेटिंग लिस्ट को नजरअंदाज करते हुए तत्काल
कनैक्शन लेना चाहता है तो उसको अपनी तत्काल पोलिसी के साथ 1 लाख रूपया
जमा करवाना पड़ेगा। परंतु एक लाख रूपये के अलावा उसको सरकार के सर्कूलर
नंबर डी-12/2012 एवं सेलज सर्कूलर नंबर डी-16/2015 के अनुसार अन्य खर्चे
भी जमा करवाने होगें, जिसका विवरण इसमें दर्ज नही किया गया है।
माजरा ने धान खरीद के घोटाले बारे बोलते हुए कहा कि धान घोटाला 24 हजार
करोड़ रूपये से ज्यादा का है और किसानों को इस वर्ष धान के लिए सरकार
द्धारा न्यनत्तम समर्थन मुल्य 1450 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया
गया था, परंतु नमी के नाम का बहाना बनाकर 100-200 रूपये प्रति क्विंटल कम
राशी का भुगतान किया गया, जो सरासर किसानों के साथ धोखा है। उन्होंने कहा
कि इसके अतिरिक्त खरीददारों द्धारा धान के सरकारी खरीद एजेंसियों के नाम
बनामी फर्मो से लाखों क्विंटल के बोगस बिल फर्म का स्टॉक पूरा करने के
लिए प्राप्त किए है, जबकि हीककत में उनके व्यवसायिक स्थानों पर धान का
स्टॉक उपलब्ध नही है। इस प्रक्रिया द्धारा एजेंसियों से राईस मिलर ने धान
की खरीद की राशाी प्राप्त कर ली, जबकि घटिया किस्म का चावल किसी अन्य
राज्य से प्राप्त करके सरकार को कुछ समय के बाद दिया जाएगा। रामपाल माजरा
ने इसके साथ ही कहा कि 25 सितम्बर 2015 को बासमती धान की 1509 किस्म की
खरी के समय खाद्य एवं पूर्ति निदेशालय द्धारा अपने सभी जिला अधिकारियों
को निर्देश दिए थे कि धान खरीद का रिकार्ड अलग रखा जाए परंतु 4 दिन बाद
ही यादि कि 29 सितम्बर 2015 को पुन: यह निर्देश जारी कर किए कि इस धान की
खरीद का रिकार्ड अलग रखने की आवश्यकता नही है। ये दोनों पत्र सरकार
द्धारा राईस मिलर के बीच मिलीभगत को दर्शाते है।
इस अवसर पर पंचकूला जिला उपप्रधान रमेश मांधना, जिला महासचिव जरनैल
मानकपुर, पूर्व सरपंच सुच्चा सियूड़ी, सुरेन्द्र कुंडू, नीरज भल्ला, आजाद
मलिक, समाजसेवी सुच्चा रायपुर, जसबीर सिंह, यगपाल मलिक सहित काफी संख्या
में पंचकूला के कार्यकत्र्ता व पदाधिकारी भी मौजूद थे।
फोटो कैप्शन:- बिजली बिलों की बढ़ोत्तरी के विरोध में कलायत हलका के लोग
धरना देते हुए ()