सर्व कर्मचारी संघ हरिदर्शन याणा राज्य कमेटी के आह्वान पर बस स्टैंड पंचकूला पर जोरदार प्रदर्शन
पंचकूला 23 नवम्बर सर्व कर्मचारी संघ हरिदर्शन याणा राज्य कमेटी के आह्वान पर बस स्टैंड पंचकूला पर जोरदार प्रकरते हुए सरकार द्वारा जारी तुगलकी फरमान धरने, प्रदर्शन, हड़ताल आदि पर रोक लगाने वाले आदेशों की प्रतियां जलाई गई जिसकी अध्यक्षता जिला प्रधान ज्ञान चन्द घई ने की।
प्रदर्शन में उपप्रधान रामपाल मलिक, श्रवण कुमार जांगड़ा संयुक्त रूप से कहा कि सरकार ने 21-11-2015 को कर्मचारियों के अधिकारों और ट्रेड यूनियनों के अधिकारों का हनन करने का काम करते हुए हड़ताल, धरने व प्रदर्शनों पर रोक लगाने का फैसला लेकर यह स्पष्ट कर दिया कि भारत की आजादी की लड़ाई में इनकी कोई भूमिका नहीं थी यदि कोई भूमिका होती तो यह सबक लेना चाहिए था कि हमें आजादी भी धरने, प्रदर्शनों व बड़े बड़े आंदोलनों से मिली थी। इससे यह भी स्पष्ट हो जाता है कि सरकार अनुभवहीन है और 25 नवम्बर को सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के आह्वान पर होने वाली चेतावनी रैली में कर्मचारियों से मिल रहे भारी समर्थन से घबरा कर बौखलाहट का परिचय भी दिया है, जिसको कर्मचारी वर्ग बर्दाश्त नहीं करेगा और चेतावनी रैली में भारी संख्या में पहुँचेगा।
जिला के कोषाध्यक्ष श्री लैक सिंह व सदस्य बलबीर जाखड़ ने कहा कि सरकार निजिकरण का रास्ता साफ करने के लिए यह तुगलकी फरमान जारी किया है। जिससे कर्मचारी ही नहीं आम जनता पर इसका बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ेगा क्योंकि आज इस फरमान का शिकार कर्मचारी को बनाया जा रहा है कल यह तलवार समाज के आम तबकों पर चलने वाली है जिससे प्रदेश का आम आदमी घुट घुट कर रोने को मजबूर होगा और पूरे प्रदेश में आम आदमी बंधुआ मजदूरी तक सिमट कर रह जाएगा। हम सरकार को चेताना चाहते हैं कि अंग्रेजों में और वर्तमान हरियाणा सरकार में क्या अंतर है? इसलिए सरकार अपनी हठधर्मिता को छोड़कर जो सरकार का कार्य है वह करे अंग्रेज न बने और कर्मचारियों व जनता के लिए सुविधाजनक काम करे।
साथ ही यह भी कहा कि यदि सरकार ने अपने कदम वापिस नहीं लिए तो हरियाणा प्रदेश में एक बड़ा आंदोलन करना हमारी मजबूरी होगी जिसमें हमें कितनी ही बड़ी कुर्बानी देनी पड़े हम पीछे नहीं हटेंगे और 25 नवम्बर की चेतावनी रैली में जो भी आगामी आंदोलन का आह्वान होगा उस पर कर्मचारी फूल चढ़ाएगा। साथ ही प्रदर्शन में श्री जयलाल जगता, सीटू के नेता कामरेड़ लक्ष्मण, गुरमीत सिंह, लैक सिंह, बलबीर जाखड़, अमरनाथ वर्मा, सत्यनारायण शर्मा, विजयपाल, संजीत कादयान आदि नेताओं ने संबोधित किया।▶