विधिक सेवा प्राधिकरण लोगों के वर्षों पुराने लंबित मामलों को निपटाने में महत्वपूर्ण भूमिका – टीएस ठाकुर
पंचकूला, 21 नवंबर। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी टीएस ठाकुर ने शनिवार को सेक्टर-14 में 8 करोड़ 50 लाख रुपए की लागत से बने हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन किया। उनके साथ पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एसजे वाजीफदार भी उपस्थित थे। चेयरमैन
उद्घाटन समारोह में टीएस ठाकुर ने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण लोगों के वर्षों पुराने लंबित मामलों को निपटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आज प्राधिकरण द्वारा करोड़ों लोगों को लोक अदालतों, जागरूकता कैंपों के माध्यम से जल्द न्याय मिला है। इसके साथ ही विधिक सेवा प्राधिकरण लोगों को उनके अधिकारों के प्रति भी जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि अपने अधिकारों को प्राप्त करने के लिए लोगों के लिए कानूनी जागरूक जरूरी है।
उन्होंने हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के भवन की तारीफ करते हुए कहा कि इस भवन में सभी प्रकार की आधुनिक सुविधाएं है तथा प्राधिकरण के स्टाफ को यहां काम करने में काफी सहुलियत होगी तथा लोगों को भी प्राधिकरण द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों का अधिक से अधिक लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस भवन में प्राधिकरण द्वारा समय-समय वकीलों व पैरा लीगल वॉलिंटियर को प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वो लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने में सक्षम हो। उन्होंने प्राधिकरण की सहराना करते हुए कहा कि वे लोक अदालते लगाकर लोगों को आपसी सहमति से न्याय दिलवा रही है और लंबित केसों का समाधान किया जा रहा है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनने के बाद उनकी प्राथमिकता होगी की वर्ष 2016 में अधिक से अधिक लंबित मामलों का समाधान करवाया जाए। उनका प्रयास होगा की न्याय की पहुंच हर व्यक्ति तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि न्यायालों में स्टाफ की काफी कमी है, उसको भी दूर करने के प्रयास होंगे। इसके अलावा जो न्यायाधीश अच्छा काम करते है उनको प्रोत्साहन दिया जाएं तथा न्यायाधीशों को भी चाहिए कि वे अधिक से अधिक केसों को निपटाने में ओर मेहनत से कार्य करें। उन्होंने वकीलों से भी आह्वान किया कि वे भी जल्द केसों को निपटाने में अपना सहयोग दें। उन्होंने कहा कि न्यायालयों के कार्यों में तभी पारदर्शीता आएगी जब सभी अपने उत्तरदायित्व व जिम्मेदारियों का ईमानदारी से निर्वहन करेंगे। उन्होंने हरियाणा व पंजाब के अलग उच्च न्यायालय पर कहा कि यह कार्य सरकारों द्वारा किया जाना है। उनके स्तर पर जब इस विषय में कोई बात आएगी तो इस दिशा में उचित कार्रवाही की जाएगी।
कार्यक्रम को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश शिवाक्ष जाल वाजीफदार ने संबोधित करते हुए कहा कि प्राधिकरण को अब अपना भवन मिल गया है जो आकर्षक व सुंदर है जिसकी प्रथम मंजिल पर रिसेप्शन, वेटिंग रूम, मीटिंग रूम, संयुक्त सदस्य सचिव व सदस्य सचिव, चेयरमैंन रूम, विजिटर व दो स्टाफ रूम, प्रशासनिक अधिकारी रूम है। प्रथम मंजिल पर एक कांफ्रेंस हाल है, जिसमें लगभग 100 लोगों के बैठने की क्षमता है। अब प्राधिकरण के स्टाफ को काम करने में किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष सतीश कुमार मित्तल ने प्राधिकरण द्वारा किए गए कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस भवन के बनने से प्राधिकरण को खुला वातावरण मिल गया है। इससे पूर्व सिविल सचिवालय चंडीगढ़ में दो कमरों में कार्य किया जाता था। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश राजीव नारायण ने आए हुए अतिथियों का धन्यवाद किया।
इस अवसर पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय तथा जिला कोर्ट के न्यायाधीशों सहित पुलिस उपायुक्त अनिल धवन व अतिरिक्त उपायुक्त हेमा शर्मा, एसडीएम ममता शर्मा, लोक निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अतिरिक्त अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।
Share